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52 साल बाद चूड़धार में हुआ महायज्ञ, 28,000 श्रद्धालु बने एतिहासिक क्षण के साक्षी

Churdhar Mahayagya: चूड़धार स्थित शिरगुल महाराज के पवित्र मंदिर में शुक्रवार को 52 साल बाद एक विशाल धार्मिक आयोजन, शांत महायज्ञ, संपन्न हुआ। इस महायज्ञ के गवाह बने 12 देवता और लगभग 28,000 श्रद्धालु, जिन्होंने इस अनुष्ठान में भाग लिया। कुरुड़ स्थापना के साथ महायज्ञ का समापन हुआ, जिसे देवी-देवताओं की उपस्थिति में मंदिर के ऊपर स्थापित किया गया। सुबह 11 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जिसमें कालाबाग स्थान से कुरुड़ को देवी-देवताओं की शोभायात्रा के साथ मंदिर तक लाया गया।

मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य पिछले 20-22 वर्षों से चल रहा था, और इसके पूरा होने पर कुरुड़ की स्थापना की गई। मंदिर में लकड़ी की नक्काशी अत्यंत अद्भुत है और महायज्ञ के लिए मंदिर को गेंदे के पांच क्विंटल फूलों से सजाया गया था। इस आयोजन में शिमला, सोलन, सिरमौर और उत्तराखंड के श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सभी भक्तों ने महायज्ञ की समाप्ति के बाद प्रसाद ग्रहण किया और अपने-अपने गंतव्यों की ओर रवाना हुए।

इस धार्मिक कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए चूड़धार मंदिर कमेटी के अध्यक्ष एवं एसडीएम चौपाल हेम चंद वर्मा ने 16 नोडल अधिकारियों और कई कमेटियों का गठन किया था। इनमें तहसीलदार चौपाल रेखा शर्मा, डीएसपी सुशांत शर्मा, प्रिंसिपल हरी शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल थे।

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