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बेटियों ने दी मुखाग्नि तो हर आंख हुई नम, खूब छलके आंसू

 

  • 18 माह तक कैंसर से जंग लड़ने बाद मौत से हारा कुफरी का कृष्ण
  • तीन बेटियां, पत्नी और वृद्ध माता छोड़ जिंदगी से हुआ अलविदा

Daughters Perform Last Rites: द्रंग के इलाका दुंधा की ग्राम पंचायत कुफरी के गांव चलौण का कृष्ण 18 माह तक कैंसर से जंग लड़ने बाद मौत से हार गया। पेशे से टैक्सी चालक कृष्ण(44) की मौत से परिवार पर दुःखों का पहाड़ गिरा है। सोमवार तड़के तीन बजे युवक ने प्राण त्याग दिए। पैतृक गांव में युवक का दाह संस्कार हुआ। बेटी रक्षा और रितिका ने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान दाह संस्कार में शामिल हर आंख नम हो गई।
कृष्ण मनाली में टैक्सी चला कर परिवार की गुजर बसर कर रहा था। पिता की भी लगभग दो साल पहले कैंसर से ही मौत हो चुकी है। कृष्ण अपने पीछे वृद्ध माता अच्छरी देवी, पत्नी रीना और तीन बेटियां छोड़ गया। मृतक की तीनों बेटियां पढ़ाई में होनहार हैं। रक्षा डिग्री कालेज नारला में बीएससी फर्स्ट ईयर में पढ़ाई कर रही है। जबकि रितिका रावमापा कुफरी में दसवीं और अंशिका सातवीं कक्षा की छात्रा हैं।
पिता की मौत हो जाने से तीनों बेटियां सदमे में हैं। जिन्हें सहारे की जरूरत है।
मृतक की पत्नी रीना देवी ने बताया कि उनका हमसफ़र मनाली में टैक्सी का धंधा कर परिवार का पालन पोषण कर रहा था। डेढ़ साल पहले अचानक उन्हें आंत का कैंसर हो गया। पीजीआई में ऑपरेशन करवाया गया। इलाज को लेकर कई दानी सज्जनों ने मदद भी की। वहीं कर्ज लेकर लगातार पीजीआई से उपचार चल रहा था। कई बार कीमोथेरेपी की गई। लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। रीना को पति के बिछड़ने के गम के साथ साथ अपनी बेटियों की पढ़ाई और भविष्य की चिंता सता रही है। परिवार में कमाने वाला अब कोई नहीं रहा है। ऐसे में पूरा परिवार चिंता में है।
पंचायत प्रधान संजय और उप प्रधान ओम प्रकाश ने बताया कि युवक बेहद गरीब परिवार से सबंध रखता था। परिवार के मुखिया की मौत हो जाने से समाज भी चिंता में है।

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