बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने दी चेतावनी, मांगें न मानी तो होगा ब्लैक आउट
Himachal Pradesh power board employees protest: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को बिजली बोर्ड कर्मचारियों की हड़ताल का सामना करना पड़ सकता है। बिजली बोर्ड कर्मचारी-इंजीनियर संयुक्त मोर्चा ने 28 अक्टूबर को राज्यव्यापी धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सरकार उनकी कई मांगों को अब तक अनसुना कर रही है, जिसमें मुख्य रूप से 16 अक्टूबर को समाप्त किए गए 51 पदों की बहाली, आउटसोर्स कर्मचारियों की छंटनी आदेश का रद्दीकरण और ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करना शामिल है।
मोर्चा के संयोजक हीरा लाल वर्मा ने बताया कि यह प्रदर्शन राज्य सरकार के विरुद्ध एक गंभीर चेतावनी है। वर्मा का कहना है कि यदि सरकार ने जल्द से जल्द कर्मचारियों की मांगों को नहीं माना, तो वे राज्य में ब्लैक आउट की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार निजीकरण की दिशा में बढ़ते हुए बोर्ड को अस्थिर कर रही है, जो कि एक गंभीर मुद्दा है। इसके अलावा, सातवें वेतन आयोग का बकाया वेतन और पेंशन की मांग भी जोर पकड़ रही है। संयुक्त मोर्चा की मांगें हैं कि राज्य सरकार बोर्ड की संपत्तियों का अन्य इकाइयों को ट्रांसफर उनके परामर्श के बिना न करे और 2010 के द्विपक्षीय समझौते का पालन सुनिश्चित करे।
क्या हैं बिजली बोर्ड कर्मचारियों की मांगें?
1. 16 अक्टूबर, 2024 को जारी अधिसूचना के तहत समाप्त किए गए इंजीनियरिंग कैडर के 51 पदों को बहाल किया जाए.
2. हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड की विभिन्न इकाइयों में पिछले 10-12 सालों से ड्राइवर के पद पर काम कर रहे 81 आउटसोर्स कर्मचारी की छंटनी के आदेश वापस लिए जाएं.
3. हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के लिए बिना देरी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू हो.
4. हिमाचल प्रदेश सरकार और बिजली बोर्ड कर्मचारियों और इंजीनियरों के संयुक्त संगठन के बीच एचपीएसईबी स्थानांतरण योजना, 2010 से जुड़े द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों का अक्षरशः पालन करना हो. संयुक्त मोर्चा के परामर्श के बिना किसी भी परिसंपत्ति जैसे लाइन, सब स्टेशन और पावर हाउस को अन्य इकाई को ट्रांसफर न किया जाए.
5. एचपीएसईबीएल-एचपीएसएल की सेवा समिति की के से पहले से अनुमोदित टी-मेट के 1 हजार 030 पदों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू हो. साथ ही बिजली बोर्ड में खाली पदों पर भर्ती भी की जाए.
6. सातवें वेतन आयोग का कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को पेंशन और वेतन का बकाया जारी किया जाए.
7. कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के सभी लंबित टर्मिनल लाभ, भुगतान को और विलंबित रूप से जारी किया जाए.