सी एंड वी अध्यापकों पर गैर-शैक्षणिक कार्यभार का बोझ, संघ ने अधिसूचना रद्द करने की मांग की
C&V Teachers Union Himachal:हिमाचल प्रदेश राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक द्वारा जारी 16 नवंबर 2024 की अधिसूचना, जिसमें सी एंड वी अध्यापकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों का कार्यभार सौंपने का प्रावधान है, को रद्द करने की मांग की है। संघ ने इसे अनुचित और शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाला कदम बताया।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष दुर्गानंद शास्त्री, महासचिव देवदत्त शर्मा, कोषाध्यक्ष गुरदयाल सिंह कौंडल, संरक्षक चमन लाल शर्मा, महिला मोर्चा की राज्य अध्यक्षा सपना और सभी जिलों के प्रधानों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से आग्रह किया है कि इस अधिसूचना पर पुनर्विचार कर इसे तुरंत रद्द किया जाए।
प्रदेशाध्यक्ष दुर्गानंद शास्त्री ने कहा कि यह अधिसूचना आनन-फानन में ली गई और पूरी तरह से अव्यावहारिक है। उन्होंने बताया कि जब सी एंड वी अध्यापक अपने अधिकारों की बात करते हैं, तो विभाग तर्क देता है कि टीजीटी अध्यापकों के पास अधिक जिम्मेदारियां होती हैं, लेकिन अब उन्हीं सी एंड वी अध्यापकों पर पूरा बोझ डालना अन्यायपूर्ण है।
शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ेगा प्रभाव
शास्त्री ने कहा कि अगर सी एंड वी अध्यापक इन आदेशों को मान भी लें और फिर भी गणित और विज्ञान विषयों का परिणाम संतोषजनक नहीं रहा, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने बताया कि कई गैर-शैक्षणिक कार्य, जैसे चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस, प्रयोगशाला कार्य, और हेल्थ वेलनेस कार्यक्रम, सी एंड वी अध्यापकों को सौंपना उचित नहीं है।
सरकार पर फूट डालने की नीति अपनाने का आरोप
संघ ने सरकार पर विद्यालयों में फूट डालने की नीति अपनाने का आरोप लगाया है और कहा है कि यह आदेश न केवल अनुचित है, बल्कि इसे लागू करने से शिक्षक संगठनों में असंतोष बढ़ेगा। महासचिव देवदत्त शर्मा ने मांग की कि सरकार और शिक्षा विभाग सभी शिक्षक संगठनों के साथ सामूहिक बैठक कर इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा करें। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर यह अधिसूचना वापस नहीं ली गई, तो उन्हें न्याय पाने के लिए अदालत का सहारा लेना पड़ेगा।