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चौंतड़ा ब्लॉक में 35 निराश्रित व अनाथ बच्चों का सहारा बनी मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना

हाइलाइट्स

  • प्रति माह जेब खर्च को मिल रहे हैं 4 हजार रुपये
  • 7 मामलों में उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा का खर्च भी होगा वहन

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी 


जोगेंद्रनगर मंडी, राजेश शर्मा। हिमाचल प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्य मंत्री सुख आश्रय योजना जोगेंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र के चौंतड़ा ब्लॉक में 35 निराश्रित व अनाथ बच्चों का सहारा बनी है। इस योजना के माध्यम से 18 से 27 वर्ष आयु वर्ग के कुल 35 अनाथ बच्चों को प्रदेश सरकार प्रतिमाह 4-4 हजार रुपये बतौर जेब खर्च मुहैया करवा रही है। इसके अतिरिक्त उच्च, व्यावसायिक व कौशल शिक्षा हासिल करने वाले 7 निराश्रित व अनाथ बच्चों की शिक्षा का खर्च भी प्रदेश सरकार वहन करने जा रही है। साथ ही ऐसे एक-एक बच्चे को अपना व्यवसाय शुरू करने तथा शादी करने के लिए भी सरकार धनराशि मुहैया करवाने जा रही है। इस बात की पुष्टि करते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) चौंतड़ा बीआर वर्मा का कहना है कि चौंतड़ा ब्लॉक में 18 से 27 वर्ष आयु वर्ग के कुल 35 निराश्रित व अनाथ बच्चों को प्रदेश सरकार प्रतिमाह 4-4 हजार रुपये बतौर जेब खर्च उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक गत चार माह के दौरान प्रति बच्चा 16-16 हजार रुपये की धनराशि सरकार ने उपलब्ध करवा दी है। उन्होंने बताया कि सीएम सुख आश्रय योजना के तहत ही उच्च, व्यावसायिक एवं कौशल शिक्षा हासिल कर रहे ऐसे सात बच्चों का पूरा खर्च भी प्रदेश सरकार वहन करने जा रही है। उन्होंने बताया कि बीएससी नर्सिंग के दो, प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा का एक, होटल मैनेजमेंट के दो तथा स्नातक व शास्त्री की शिक्षा प्राप्त कर रहे एक-एक बच्चे का मामला स्वीकृति हेतु सरकार को प्रेषित कर दिया गया है। इन सभी बच्चों का आने वाले समय में सरकार की ओर से शिक्षा हासिल करने का संपूर्ण खर्च वहन किया जाएगा। इसके अलावा चौंतड़ा ब्लॉक में ही अनाथ बच्चे की शादी तथा अपना कारोबार शुरू करने वाले बच्चे का मामला भी स्वीकृति हेतु सरकार को भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार शादी करने वाले अनाथ बच्चे को 3 लाख रुपये तथा अपना कोई भी कारोबार शुरू करने के लिए 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान कर रही है।

चार घटकों में चलाई जा रही है सीएम सुख आश्रय योजना


मुख्य मंत्री सुख आश्रय योजना को चार प्रमुख घटकों के तहत चलाया जा रहा है। पहले घटक में 18 वर्ष की आयु से पहले अनाथ हुए बच्चों को कानूनन विवाह करने पर 2 लाख रुपये की धनराशि मुहैया करवाई जा रही है। दूसरे घटक के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से सीसीआई संस्थानों में रहने वाले प्रत्येक बच्चों के आवर्ती जमा खाते खोले गए हैं ताकि इन खातों से 14 साल से अधिक उम्र के बच्चे जरूरत अनुसार धनराशि निकाल सकें। इसी योजना के तीसरे घटक के अंतर्गत ऐसे व्यक्ति को सरकार मकान बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाएगी जो 27 वर्ष की आयु से पहले अनाथ हो गया है और भूमिहीन है। साथ ही मकान बनाने के लिए मुख्य मंत्री सुख आश्रय योजना के तहत तीन लाख रुपये दिये जा रहे हैं। इसी योजना के चौथे घटक के तहत उच्च, व्यावसायिक व कौशल शिक्षा प्राप्त करने वाले निराश्रित व अनाथ बच्चों का पूरा खर्च प्रदेश सरकार वहन कर रही है।

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