जम्मू-कश्मीर में अपहृत टीए के जवान को आतंकियों ने बेरहमी से मौत के घाट उतारा
Jammu Kashmir Terrorism; जम्मू-कश्मीर में अपहृत टीए के जवान को आतंकियों ने बेरहमी से मौत के घाट उतारा दिया है। जवान के शरीर पर गोलियां मारी गई हैं। कई हिस्सों पर चाकू के वार के भी निशान हैं। सेना और पुलिस ने इसके बाद घाटी में आतंकियों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान छेड़ दिया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बुधवार को कहा था कि प्रादेशिक सेना (टीए) के दो सैनिकों में से एक अभी भी अपहरणकर्ताओं की कैद में है, जबकि एक भागने में सफल रहा।
पुलिस ने कहा कि मंगलवार को अनंतनाग जिले के शांगस इलाके से आतंकवादियों ने दो टीए सैनिकों का अपहरण कर लिया था।
“अपहृत सैनिकों में से एक अपने अपहरणकर्ताओं से बचकर घर पहुंच गया। टीए का दूसरा जवान अभी भी अपहरणकर्ताओं की कैद में है। जिसका बुधवार को पुलिस ने शव बरामद किया है। इससे पहले अप्रैल 2024 में, आतंकवादियों ने जम्मू संभाग के राजौरी जिले के थानामंडी के शारदा शरीफ के पास कुंडा गांव में एक टीए सैनिक के भाई की उसके घर पर कई गोलियां चलाकर हत्या कर दी।
जम्मू-कश्मीर सरकार के समाज कल्याण विभाग में काम करने वाले 40 वर्षीय मोहम्मद रजाक को गंभीर गोली लगी और नजदीकी अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने कहा कि 6 जून, 2019 को आतंकवादी अनंतनाग जिले के सदूरा गांव में टीए सैनिक मंजूर अहमद बेग के आवास पर आए और उन्हें गोली मार दी। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया जहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बेग पड़ोसी शोपियां जिले में तैनात थे और राष्ट्रीय राइफल्स की 34वीं बटालियन से जुड़े थे।
25 नवंबर, 2017 को आतंकवादियों ने 23 वर्षीय टीए सैनिक इरफान अहमद मीर का अपहरण कर हत्या कर दी थी और अगले दिन उनका गोलियों से छलनी शव शोपियां जिले के वतमुल्ला कीगाम गांव के एक बाग में मिला था। वह सेज़ान कीगाम का रहने वाला था।