Haryana Election New Date: 1 नहीं अब 5 अक्टूबर को मतदान, 8 अक्टूबर को मतगणना
Highlights
-
हरियाणा के साथ ही जम्मू-कश्मीर की भी मतगणना होगी
-
दोनों राज्यों में बाकी चुनावी कार्यक्रम पूर्व निर्धारित तिथियों के अनुसार ही होगा
Post Himachal, Chandigarh
Haryana Election New Date: चुनाव आयेाग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तिथी में बदलाव किया है। सूबे की 90 सीटों के लिए अब 1 अक्टूबर के बजाय 5 अक्टूबर को मतदान होगा। 8 अक्टूबर को होगी। हरियाणा के साथ ही जम्मू-कश्मीर की भी मतगणना होगी। दोनों राज्यों में बाकी चुनावी कार्यक्रम पूर्व निर्धारित तिथियों के अनुसार ही होगा।
हरियाणा की सत्तारूढ़ भाजपा व विपक्षी दल इनेलो की ओर से मतदान की तारीख में बदलाव करने की मांग की गई थी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हरियाणा की स्थिति से अवगत करवाया था। उन्होंने तीन-चार अहम बिंदुओं पर आयोग का ध्यान आकर्षित किया था। आयोग को उनकी दलील सही लगी और यह आशंका जताई गई के पहली अक्टूबर को मतदान करवाने पर राज्य में मतदान प्रतिशत गिर सकता है। इसी के चलते आयोग की ओर से शनिवार को नया चुनाव कार्यक्रम जारी किया गया।
Assembly polls for Haryana postponed to October 5; Vote counting to be held along with J-K on October 8: Election Commission
Read @ANI Story | https://t.co/zthsCxd3EF#Elections #assemblypolls #Haryana #JandK pic.twitter.com/GMMFQ6jqgn
— ANI Digital (@ani_digital) August 31, 2024
चुनाव के लिए नोटिफिकेशन पहली की तरह 5 सितंबर को ही जारी होगा। इसी दिन से नामांकन-पत्र जमा करवाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नब्बे सीटों के लिए 12 सितंबर तक नामांकन-पत्र दाखिल हो सकेंगे। 13 सितंबर को नामांकन-पत्रों की जांच होगी। 17 सितंबर नामांकन-पत्र वापसी की आखिरी तारीख तय की गई है। मतदान पहली अक्टूबर के बजाय अब 5 अक्टूबर (शनिवार) को होगा।
जम्मू-कश्मीर में मतदान तिथि में बदलाव नहीं
जम्मू-कश्मीर के आखिरी फेज के कार्यक्रम में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। जम्मू-कश्मीर में पहली अक्टूबर को ही वोटिंग होगी, लेकिन दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम 8 अक्टूबर को जारी होंगे। 10 अक्टूबर तक चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न होगी। चुनाव आयोग के सचिव संजीव कुमार प्रसाद की ओर से यह नया कार्यक्रम जारी किया है। वोटिंग की तारीख में हुए बदलाव से सत्तारूढ़ भाजपा ने बड़ी राहत ली है। प्रमुख विपक्षी दल – कांग्रेस के अलावा अन्य पार्टियों ने भाजपा की इस मांग का विरोध किया था।
भाजपा की थी यह दलील
पहली अक्टूबर को मंगलवार के दिन मतदान होना था। इससे पहले शनिवार व रविवार को सरकारी छुट्टी होती है। सोमवार वर्किंग-डे था, लेकिन एक दिन की छुट्टी लेकर परिवार घूमने के लिए बाहर जाने का प्लान बना सकते थे। मतदान के बाद यानी 2 अक्टूबर को भी गांधी जयंती के दिन अवकाश होता है। ऐसे में लोगों को घूमने के लिए पांच दिन मिल जाते। इस वजह से वोटिंग प्रतिशत कम रहता।
बिश्नोई महासभा की थी आपत्ति
ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा की ओर से भी चुनाव आयेाग को पत्र लिखकर मतदान की तारीख में बदलाव करने की मांग की गई थी। 2 अक्टूबर को राजस्थान के मुकाम (बीकानेर) में बिश्नोई समाज के सालाना मेले का आयोजन होना है। हरियाणा में बिश्नोई समाज के लोग भी इस मेले में शामिल होते हैं। ऐसे में वे मेले में भाग लेने के लिए पहले दिन यानी 1 अक्टूबर को ही रवाना हो जाते। महासभा ने दलील दी थी – अगर पहली अक्टूबर को मतदान होता है तो समाज के लोग मतदान से वंचित रह जाएंगे।
इसलिए चिंतित थी भाजपा
भाजपा का सबसे बड़ा वोट बैंक शहरी क्षेत्रों में है। शहरी लोग बाहर घूमने का बहाना ढूंढ़ते हैं। एक साथ पांच छुट्टियां मिलने पर बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार के साथ बाहर जाने का कार्यक्रम बनाते। वहीं बिश्नोई वोट बैंक से भी भाजपा को बड़ी उम्मीदें हैं। भाजपा को पहली अक्टूबर को शहरों में मतदान प्रतिशत कम रहने का डर था। इसी वजह से आयोग का दरवाजा खटखटाया था।