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अफसरशाही दे रही हिमाचल सरकार को पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) से पीछे हटने का सुझाव, कर्मचारी सगंठनों में फ‍िर उबाल, धर्माणी पर उठाए सवाल

 

Post Himachal, Shimla


महंगाई भत्ता और नए वेतनमान का एरियर देने की मांग को लेकर कर्मचारी संगठनों और सुक्‍खू सरकार में बुरी तरह ठनी हुई है। शुक्रवार को सचिवालय में फ‍िर से प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी नेताओं ने सुक्‍खू सरकार के खिलाफ आग उगली। वहीं, मंत्री राजेश धर्माणी की योग्‍यता पर भी सवाल उठाए। इस सब के बीच अफसरशाही ने हिमाचल सरकार को पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) से पीछे हटने का सुझाव दिया है। यह भी कहा है कि ऐसा नहीं किया गया तो आर्थिक प्रबंधन में बड़ी मुश्किल आ सकती है। हालांकि, मुख्यमंत्री सुक्खू कांग्रेस की पहली गारंटी होने और सामाजिक सुरक्षा का मामला होने के चलते ओपीएस को लेकर पीछे हटने के कतई पक्ष में नहीं हैं।

वहीं, हिमाचल सचिवालय के कर्मचारियों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुक्खू कैबिनेट में मंत्री राजेश धर्माणी पर तीखा हमला बोला। सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा, धर्माणी मंत्री बनने के लायक ही नहीं थे। तभी पूर्व सीएम वीर‌भद्र सिंह ने 2012 में उन्हें मंत्री नहीं बनाया था। संजीव ने कहा, उन्हें CM सुक्खू पर तरस आ रहा है। पता नहीं CM ने किसके दबाव में धर्माणी को मंत्री बनाया होगा। उन्होंने राजेश धर्माणी को माफी मांगने या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी। बता दें कि राजेश धर्माणी ने पिछले कल कहा था कि कर्मचारी अनाप-शनाप बयानबाजी न करें। उन्हें जो मिल रहा है, वो भी नहीं मिलेगा। इससे कर्मचारी भड़क उठे हैं। संजीव शर्मा ने कहा, मंगलवार तक कर्मचारियों को वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया तो उस दिन से कर्मचारी काले बिले लगाकर काम करेंगे।

10 सितंबर के बाद आंदोलन को उग्र किया जाएगा। बीते बुधवार को भी बड़ी संख्या में सचिवालय कर्मचारी प्रदर्शन कर चुके हैं। आज दोबारा सैंकड़ों की तादाद में कर्मचारियों ने सचिवालय के बाहर धरना दिया। सचिवालय कर्मचारियों को दूसरे कर्मचारी संगठनों, पेंशनर और बेरोजगारों का भी साथ मिल रहा है। कर्मचारी महंगाई भत्ता (DA) और नए वेतनमान का एरियर नहीं मिलने से नाराज है। संजीव शर्मा ने कहा, सरकार बजट की कमी का रोना रो रही है और ब्यूरोक्रेट की आपसी लड़ाई से 114 करोड़ रुपए का बजट लैप्स हो गया।बता दें कि सरकार के पास कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपए बकाया है। मगर आर्थिक तंगहाली झेल रही सरकार इसका भुगतान नहीं कर पा रही। पूर्व जय राम सरकार ने भी 2021-22 में अपने सभी कर्मचारी और पेंशनर को एक जनवरी 2016 से नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए, लेकिन एरियर का भुगतान नहीं किया। लिहाजा कर्मचारी स्वतंत्रता दिवस पर एरियर व DA मिलने की आस लगाए बैठे थे।

 

आने वाले दिनों में सरकार के एक-एक मंत्रियों की पोल खोली जाएगी


संजीव शर्मा ने कहा, आने वाले दिनों में सरकार के एक-एक मंत्रियों की पोल खोली जाएगी। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि सरकार बात-बात पर पैसे की कमी का रोना रो रही है और मंत्रियों की खुद मौज लगी हुई है। दोनों हाथ से प्रदेश को लूट रहे हैं। शिमला, दिल्ली, धर्मशाला, चंडीगढ़ जगह जगह OSD और दूसरी नियुक्तियां करके सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है।

मुफ्त कॉलिंग के जमाने में 20 हजार मोबाइल भत्ता क्यों: संजीव


संजीव ने कहा, आज 500 रुपए में अन-लिमिटेड कॉलिंग मिलती है। मगर इन्हें 20 हजार रुपए मोबाइल भत्ता मिलता है। हजारों रुपए सत्कार भत्ता दिया जाता है। इनके दफ्तरों में जाए तो चाय तक नहीं पिलाई जाती। उन्होंने कहा, दफ्तरों की रैनोवेशन और फर्नीचर पर करोड़ों रुपए फूंके जा रहे हैं और जब कर्मचारी अपना अधिकार मांगते है तो बजट की कमी का बहाना बनाया जाता है।

 

IPS की पत्नी हजारों रुपए का तेल फूंक रही


संजीव शर्मा ने कहा, दिल्ली में एक एस्कोर्ट गाड़ी है। जो मुख्यमंत्री और राज्यपाल के दिल्ली जाने पर इस्तेमाल होती है। मगर आम दिनों में एक IPS की पत्नी इस गाड़ी का इस्तेमाल कर हजारों रुपए का तेल फूंक रही हैं। मगर सुक्खू सरकार आईपीएस अफसर पर कार्रवाई नहीं कर रही।

मंत्रियों ने कई-कई कोठियों पर कर रखा कब्जा


संजीव ने कहा, शिमला में मंत्रियों ने कई कई सरकारी कोठियों पर कब्जा कर रखा है। एक मंत्री का नाम लिए बगैर संजीव शर्मा ने कहा, मंत्री साहब खुद भराड़ी में अपने घर में रहते हैं। उन्होंने एक मंत्री की कोठी के अलावा मेट्रोपोल में भी सरकारी मकान पर कब्जा कर रखा है। विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस के बावजूद खाली नहीं किया जा रहा है।

 

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