RG Kar Hospital Case: डॉक्टर काम पर लौटें, ऐसे स्वास्थ्य ढांचा कैसे चल पाएगा: सुप्रीम कोर्ट
Post Himachal, New Delhi/ Agency
RG Kar Hospital Case: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या से संबंधित मामले की बृहस्पतिवार को सुनवाई शुरू की। न्यायालय ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। एम्स नागपुर के रेजिडेंट चिकित्सकों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कोलकाता में डाक्टर से बलात्कार एवं उसकी हत्या के मामले के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है ।
"Let health professionals return to work": SC resumes hearing in Kolkata doctor rape-murder case
Read @ANI Story | https://t.co/pOS5ZRmTis#health #Kolkata #doctor #rape #RGKarMedicalcollege pic.twitter.com/YyoPkMLKd8
— ANI Digital (@ani_digital) August 22, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर चिकित्सक काम नहीं करेंगे तो जन स्वास्थ्य ढांचा कैसे चल पाएगा? कोर्ट ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को पहले काम पर लौटने को कहा और एम्स नागपुर के वकील को आश्वासन दिया कि उनके काम पर लौटने के बाद कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सरकारी अस्पतालों में आने वाले सभी मरीजों के प्रति सहानुभूति रखता है। चिकित्सक संगठनों को आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय कार्यबल सभी हितधारकों की बात सुनेगा। कोर्ट ने कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले में सीबीआई, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट पर गौर किया। न्यायालय ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा तथा सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल विकसित करने के लिए मंगलवार को 10 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) गठित किया था।
#UPDATE | CJI Chandrachud asks about the medical report of the injury of the accused
Senior Advocate Kapil Sibal informs Supreme Court that this is part of the case dairy
Solicitor General Tushar Mehta apprises SC that CBI entered the investigation on the 5th day, everything… https://t.co/pMv8x4pqxM
— ANI (@ANI) August 22, 2024
कोलकाता में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद देशभर में प्रदर्शनों के बीच न्यायालय ने चिकित्सकों की सुरक्षा और कुशलक्षेम को राष्ट्रीय हित का मामला बताया था। इस घटना को ‘भयावह’ बताते हुए न्यायालय ने प्राथमिकी दर्ज करने में देरी करने और हजारों उपद्रवियों को सरकारी सुविधा में तोड़फोड़ करने देने के लिए राज्य सरकार की आलोचना भी की थी। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नौ अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिला था। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिफ्तार किया है।
डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
कई प्रदेशों में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण सरकारी अस्पतालों में बृहस्पतिवार को भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। घटना के विरोध में लगातार 14 वें दिन चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार किया। राज्य सरकार द्वारा केएमसीएच के तीन अधिकारियों का तबादला करने और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष की कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (सीएनएमसी) में नियुक्ति रद्द कर दिए जाने के बावजूद आंदोलनकारी चिकित्सकों ने अपना आंदोलन जारी रखा।
सुप्रीम कोर्ट के घटनाक्रम का इंतजार
आंदोलनकारी चिकित्सकों में से एक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘हमारा आंदोलन जारी रहेगा क्योंकि हमारी कुछ ही मांगें पूरी की गई हैं। हमारी बहन को न्याय की मुख्य मांग अभी बाकी है। हम इंतजार करेंगे और सुप्रीम कोर्ट में आज के घटनाक्रम को देखेंगे तथा उसके बाद निर्णय लेंगे।’
सीबीआई ने जांच की स्थिति सुप्रीम कोर्ट में सौंपी
केएमसीएच में महिला चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना की जांच का जिम्मा संभाल रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी जांच की स्थिति रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों की मांग के आगे झुकते हुए बुधवार रात कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को हटा दिया।