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Sisodia Bail: 17 माह से हिरासत में चल रहे आप के नेता मनीष सिसोदिया को मिली जमानत

 

Post HImachal/Agencies, New Delhi


Sisodia bail: 17 माह से हिरासत में चल रहे अाम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने शुक्रवार को उन्‍हें जमानत दी। दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग मामलों में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट से मनीष सिसोदिया के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए कि 17 महीने की जेल मनीष सिसोदिया काट चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जैसा ED ने कहा था कि ये ट्रायल 6-8 महीने में खत्म हो जाएगा, वो होता नहीं दिख रहा।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सिसोदिया 17 माह से हिरासत में हैं और अभी तक मामले की सुनवाई शुरू नहीं हुई है, जिससे वह शीघ्र सुनवाई के अधिकार से वंचित हुए हैं।

 

पीठ ने कहा कि इन मामलों में मनीष सिसोदिया को जमानत के लिए निचली अदालत भेजना ठीक नहीं होगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि वक्त आ गया है कि निचली अदालतें और हाई कोर्ट इस बात को समझें कि जमानत नियम है और जेल अपवाद। पीठ ने सिसोदिया को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानतों पर रिहा किए जाने का निर्देश दिया। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी 2023 को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किया था। बाद में यह नीति रद्द कर दी गई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें धनशोधन के मामले में नौ मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था। धनशोधन का यह मामला सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़ा था।

सिसोदिया ने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। उनके पास शिक्षा मंत्रालय का भी प्रभार था। सिसोदिया ने जमानत दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह 17 माह से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ है। ईडी और सीबीआई ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया। की। सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी में जश्न का माहौल है। पार्टी नेता राघव चड्ढा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि दिल्ली शिक्षा क्रांति के नायक मनीष सिसोदिया को बेल मिलने से पूरे देश में आज ख़ुशी है। मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट का हृदय की गहराई से आभार व्यक्त करता हूं।

 

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