आईआईएम सिरमौर में हॉर्टीकल्चर ऑफिसर बनी नौणी की पूर्व छात्रा डॉ. थानेश्वरी
Post Himachal, Solan
डॉ. यशवंत सिंह परमार यूनिवर्सिटी नौणी से शिक्षा लेने वाले छात्र-छात्राओं ने देश-विदेश में अपना अलग मुकाम बनाया है। इसी कड़ी में नौणी यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा डॉ थानेश्वरी की नियुक्ति आईआईएम सिरमौर में हार्टीकल्चर ऑफिसर के पद पर हुई है। डॉ थानेश्वरी लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्य कर रही थी। आईआईएम के लिए मई 2024 में हुई परीक्षा दी और इस परीक्षा में उनका चयन हार्टीकल्चर ऑफिसर के पद पर हुआ है।
थानेश्वरी का जन्म मंडी जिला की सुंदरनगर तहसील के तहत आने वाले झुंगी गांव में मीना राम व माया देवी के घर 30 जनवरी 1990 को हुआ। थानेश्वरी के पिता गांव में ही दुकान चलाते हैं, जबकि माता सरकारी सेवा से सेवानिवृत है। घर में शुरू से ही शिक्षा का माहौल था, सभी बहन-भाई उच्च शिक्षित हैं।
थानेश्वरी ने प्रारंभिक शिक्षा सीनियर सेकंडरी स्कूल झुंगी से ली।यहां मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अभिलाषी स्कूल से जमा एक व दो की पढ़ाई पूरी की। 2008 में उन्होंने डॉ.यशवंत सिंह परमार यूनिवर्सिटी नौणी में बीएससी (बागबानी) में प्रवेश लिया और 2012 में बीएससी की डिग्री कंपलीट की। बीएससी के बाद वर्ष इसी यूनिवर्सिटी से 2012 में एमएससी. (फ्लोरीकल्चर एंड लैंडस्केप आर्किटेक्चर) 2014 में कंपलीट की। वर्ष 2014 से 2018 में आईसीएआर- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली आउटरीच परिसर आईसीएआर- भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु से पीएचडी (फ्लोरीकल्चर और लैंडस्केप आर्किटेक्चर) में की।
पीएचडी करते ही मिली एलपीयू में सहायक प्राध्यापक की नौकरी
डॉ.थानेश्वरी ने पीएचडी की डिग्री पूरी करने के बाद जनवरी 2018 से जुलाई 2024 तक लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, फगवाड़ा में सहायक प्राध्यापक (बागवानी) के रूप में कार्य किया। अब वह राष्ट्रीय महत्व के एक स्वायत्त संस्थान, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) सिरमौर में हॉर्टीकल्चर ऑफिसर का पद मिला। उनके पति कमलेश कुमार आईटी प्रोफेशनल हैं और चंडीगढ़ स्थित एक आईटी कंपनी में सेवारत हैं। डॉ. थानेश्वरी ने बताया कि उनके माता-पिता की शिक्षा के प्रति जागरूकता के कारण ही आज वह इस मुकाम तक पहुंची है। अपनी सफलता का श्रेय वह डॉ. परमार यूनिवर्सिटी में उनके अध्यापकों के सही मार्गदर्शन को देती है।