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जोगेंद्रनगर में मेडिसन विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती, फ‍िर भी दुश्‍वारियां बरकरार

Highlights

  • जोगेंद्रनगर में मेडिसन विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती
  • संसाधनों के अभाव से पीलिया संक्रमित मरीज नेरचौक और टांडा रैफर
  • वेंटीलेटर, आधुनिक सुविधाओं और संसाधनों के अभाव से गंभीर मरीजों की बढ़ी परेशानियां

Post Himachal, Jogindernagar


मंडी के जोगेंद्रनगर में पीलिया की गंभीर बीमारी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने गंभीर मरीजों को उपचार दिलाने के लिए मेडिसन विशेषज्ञ चिकित्सक की भी तैनाती कर दी है, लेकिन अस्पताल में वेंटीलेटर, आधुनिक सुविधाओं और संसाधनों के अभाव के चलते गंभीर मरीजों की दिक्कतें बढ़ गई है। संक्रमित लीवर के लिए ग्लूकोज, विटामिन सी, यहां तक कि लीवर 52 दवा का लाभ भी मरीजों को दिलाया जा रहा है, लेकिन नाजुक मरीजों को इसी अस्पताल में उपचार दिलाने के लिए वेंटिलेटर की सुविधा और इसके संचालन के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव के चलते 80 और सौ किलोमीटर दूर मेडिकल कॉलेज नेरचोक और टांडा में मरीजों को भेजना पड़ रहा है। बीते कुछ दिनों में करीब बीस पीलिया के मरीज टांडा व नेरचौक मेडिकल कॉलेजों में उपचार के लिए रैफर करने पड़े। रोगी वार्ड में पीलिया संक्रमित मरीजों के दाखिले की बात करें तो सोमवार को भी करीब तीस मरीज दाखिल रहे। स्पेशल वार्ड में भी पीलिया के मरीजों को उपचार दिलाया गया। वहीं, ओपीडी पर भी पीलिया के लक्षण पाए जाने पर मरीजों के टैस्ट करवाए गए। करीब तीन सौ से अधिक मरीज सोमवार को भी जोगेंद्रनगर अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे। इनमें कुछ मरीजों के डेंगू, स्क्रब टाईफस के भी लक्षण मिले हैं। हालांकि इन मरीजों की संख्या बेहद कम है।

प्रयोगशाला में खून के टेस्ट के दौरान बेहोश हो गई स्कूल की छात्रा


सोमवार को नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर में टैस्ट करवाने पहुंची स्कूल की छात्रा अचानक बेहोश हो गई। जिसे रोगी वार्ड में उपचार के लिए दाखिल करवाना पड़ा। छात्रा की पहचान अंतरा कटोच निवासी बनाई हार के रूप में हुई है जो शहर के एक सरकारी स्कूल में परीक्षा देने पहुंची थी। इसके बाद परिजन उसे जब नागरिक अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के लिए ले गए तो तभी प्रयोगशाला के बाहर खून के टैस्ट दौरान अचानक बेहोश होकर फर्श पर गिर पड़ी।

अस्पताल के रोगी वार्डों में पानी का संकट


जोगेंद्रनगर अस्पताल में उपचाराधीन मरीजों को पानी का संकट भी बना हुआ है। शौचालयों के नल सूख जाने से पीलिया के संक्रमित मरीजों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। तीमारदारों को अपने हाथ धोने के लिए भी पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को जोगेंद्रनगर अस्पताल के महिला, पुरूष, सर्जिकल यहां तक कि शिशु रोगी वार्ड में भी पानी का संकट बना रहा। इस दौरान तीमारदारों को मरीजों के बर्तन भी साफ करने के लिए दर-दर भटकना पड़ा।

जोगेंद्रनगर अस्पताल में पीलिया संक्रमित मरीजां को उपचार दिलाने के लिए दवाओं और विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती स्वास्थ्य विभाग की और से कर दी गई है। फार्मासिस्टों की भी रात्रिकालीन सेवाएं ली जा रही है। केवल गंभीर मरीजों को ही अस्पताल के बाहर उपचार के लिए रैफर किया जा रहा है। पीलिया से पैदा हुए हालात भी अब सामान्य होते जा रहे हैं।

डॉ रोशन लाल कोंडल, एसएमओ, नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर।

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