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जोगेंद्रनगर में जलशक्ति विभाग के डिजिटल मॉनिटरिंग पयाउ सिस्टम की गुणवता पर भी सवाल, बंद करने पड़े कनेक्शन

Highlights

  • मिनी सचिवालय के समीप अनुमानित चार लाख रूपये खर्च कर तीन माह पहले शुरू की थी आपूर्ति
  • पीलिया की दहशत से सहमे विभागीय अधिकारियों ने यहां पर भी पानी के सेवन पर लगा दी रोक

Post Himachal, Jogindernagar Mandi


मंडी के जोगेंद्रनगर में पीलिया के बढ़ते प्रकोप के बीच अब जलशक्ति विभाग के डिजिटल मॉनिटरिंग पयाउ सिस्टम की गुणवता पर भी सवाल उठाकर पानी की आपूर्ति पर रोक लगा दी गई है। कनेक्शन काटने पड़े हैं और पयाउ में लगे नलों को भी हटा दिया गया है। अनुमानित चार लाख रूपये की धनराशी इस डिजिटल पयाउ पर खर्च हुए हैं और बीते करीब तीन माह से यहां पर भी लोग पानी पी रहे थे। मिनी सचिवालय परिसर के समीप कॉलेज और अस्पताल मार्ग के बेहद नजदीक स्थापित इस पयाउ को जलशक्ति विभाग ने पानी की गुणवता की जांच के बाद सेवन के लिए स्थापित किया था और यहां पर रोजाना सैंकड़ों लोग पानी भी पिया करते थे लेकिन जुलाई माह में जोगेंद्रनगर शहरी क्षेत्र में पीलिया के संक्रमण से 14 से 21 साल के युवाओं के अधिक बिमार पड़ने के बाद जब पानी के सैंपलों का परीक्षण सार्वजनिक नलों, वाटर कूलरों की गई तो कुछ अनियमितताओं को देखते हुए पहले वाटर कूलरों के कनैक्शन जल शक्ति विभाग ने काट दिए और अब डिजिटल पयाउ सिस्टम से भी पानी की आपूर्ति और सेवन के कनैक्शन काट दिए गए हैं। ऐसे में अब जलशक्ति विभाग की पानी की गुणवता को लेकर भी कई तरह की भ्रांतियां फैलना शुरू हो गई है। हालांकि विभाग का दावा है कि उपभोक्ताओं को स्वच्छ पेयजल ही उपलब्ध करवाया जा रहा है। सोमवार को जलशक्ति विभाग के कनिष्ठ अभियंता अराध्य ने बताया कि डिजिटल मॉनिटरिंग पयाउ सिस्टम में पानी की गुणवता को लेकर कोई भी अनियमितताएं नहीं पाई गई है। ऐहतियातन पानी की आपूर्ति पर रोक लगाई गई है। बताया कि क्लोरीन युक्त पानी की आपूर्ति उपभोक्ताओं को की जा रही है।

शहर में बोतल बंद पानी की दस गुणा बढ़ी मांग, वाटर प्योरीफाईड भी हर घर में स्थापित


मंडी के जोगेंद्रनगर में जलजनित रोगों की आशंका को देखते हुए शहर में बोतलबंद पानी का इस्तेमाल ही लोग अधिक करने लग पड़े हैं। करीब दस गुणा मांग बोतल बंद पानी की बढ़ी है। वहीं वाटर प्योरीफाईड भी हर घर में स्थापित होने लग पड़े हैं। एक अनुमान के अनुसार जोगेंद्रनगर में प्रतिदिन तीन हजार से पानी की अधिक बोतल बिकना शुरू हो चुकी है। वाटर प्योरीफाईड की बात करें तो इसे लगाने को लेकर लोग दिलचस्पी दिखा रहे हैं। वहीं घरों से पानी उबालकर भी लोग शहर में साथ लेकर आ रहे हैं।

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