Himacal Police in Gurgaon: गुरुग्राम में प्लेन कंपनी से पूछताछ के लिए गई हिमाचल पुलिस टीम मुश्किल में फंसी, कई घंटे बैठाया थाने
राज्य सभा चुनावों में नेताओं की खरीद फरोख्त की जांच कर रही शिमला पुलिस
Post Himachal, Gurgaon/Shimla
राज्यसभा चुनावों में भाजपा के हर्ष महाजन को जीत मिलने के बाद कांग्रेस के बागी और निर्दलीय विधायकों को हेलिकॉप्टर सेवाएं देने के मामले की पड़ताल करने पहुंची हिमाचल की टीम को ग्रुरूग्राम में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कंपनी का रिकार्ड अपने कब्जे में शिमला पुलिस ले पाती, इससे पहले ही ग्ररुग्राम पुलिस हिमाचल की टीम को डिटेन कर लिया। बताया जा रहा है कि डिटेन करने के बाद कई घंटे तक पूछताछ भी हुई। मामला हिमाचल पुलिस के बड़े अधिकारियों तक पहुंचा तो शिमला पुलिस वापिस लौटने वाली बनी।
उधर दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के अनुसार शिमला पुलिस के खिलाफ FIR देने को हरियाणा पुलिस तैयार हो गई थी। आमतौर पर एक राज्य की पुलिस जब दूसरे प्रदेश में इस तरह की कार्रवाई करती है तो लोकल पुलिस सहयोग करती है, मगर इस केस में हरियाणा और हिमाचल पुलिस आमने-सामने हो गई। बताया जा रहा है कि गुरुग्राम पुलिस तो शिमला पुलिस के खिलाफ एफआईआर देने को तैयार थी। इस विवाद की वजह से शिमला पुलिस विमान कंपनी से रिकॉर्ड भी कब्जे में नहीं ले सकी। शिमला पुलिस अदालत द्वारा जारी सर्च वारंट के आधार पर विमान कंपनी के गुरुग्राम स्थित दफ्तर में पूछताछ को गई थी। मगर वहां पर गुरुग्राम पुलिस पहले से मौजूद थी। इससे पहले की शिमला पुलिस कंपनी प्रबंधन से पूछताछ कर पाती और रिकॉर्ड कब्जे में लेती, गुरुग्राम पुलिस ने उल्टा शिमला पुलिस से सवाल कर दिए और हिमाचल की पुलिस टीम को लोकल पुलिस गुरुग्राम थाने ले गई। सूत्रों के मुताबिक शिमला पुलिस से गुरुग्राम पुलिस ने लगभग 10 घंटे पूछताछ की।
दरअसल, विमान कंपनी को रेड की पहले ही जानकारी मिल गई थी। इसलिए कंपनी ने पहले ही लोकल पुलिस मौके पर बुला दी थी। इसके बाद गुरुग्राम पुलिस शिमला पुलिस पर हावी हो गई। शिमला से चार सदस्यीय टीम DSP मानविंदर की अगुआई में गुरुग्राम गई थी। शिमला के SP संजीव गांधी ने बताया कि गुरुग्राम गई टीम वापस लौट रही है। कोर्ट से सर्च वारंट था। गुरुग्राम में जो भी हुआ होगा, उसकी जानकारी कोर्ट को दी जाएगी। उधर, गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि हमें इस बारे में जानकारी नहीं है।
अमर उजाला लिखता है कि पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिला शिमला से पुलिस टीम एक अधिकारी की अगुवाई में जांच के लिए सोमवार को गुरुग्राम पहुंची थी। इस दाैरान दोपहर के समय पुलिस संबंधित कंपनी के कार्यालय में छानबीन कर रही थी, तो स्थानीय पुलिस वहां पहुंची और टीम को गुरुग्राम के राजेंद्रा पार्क सेक्टर 105 थाने ले गई। दोपहर करीब 3:00 बजे हिमाचल पुलिस की टीम को थाने ले जाया गया और देर रात तक वहां रोके रखा। मामला दोनों राज्यों के उच्च पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद हिमाचल पुलिस की टीम को रात को थाने से भेजा। हिमाचल पुलिस ने निचली अदालत से सर्च वारंट हासिल किया था। इसके बाद टीम गुरुग्राम में एक हेलिकाप्टर कंपनी के कार्यालय में विधायकों की हवाई यात्राओं का रिकॉर्ड खंगालने गई थी। पुलिस के मुताबिक कई बार आग्रह के बावजूद कंपनी विधायकों को हवाई सेवाओं पर खर्च का ब्योरा देने से आनाकानी कर रही थी। वहीं, डीजीपी अतुल वर्मा से जब इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि शिमला के पुलिस अधीक्षक गांधी से इस बारे में जानकारी मिली थी, जिसके बाद उन्होंने हरियाणा पुलिस के उच्च अधिकारियों से बात की। उन्होंने कहा कि मुझे मामले के बारे में सभी तथ्यों की जानकारी नहीं है कि इसके क्या कारण हैं, लेकिन गैरकानूनी तरीके से अगर पुलिस को डिटेन किया है तो एसपी को कानूनी प्रक्रिया के तहत इसे चैलेंज करना चाहिए।पुलिस सूत्रों के अनुसार गुरुग्राम के संबंधित थाने में बकायदा सूचना दी गई थी और सर्च के लिए वहां के थाने की पुलिस भी टीम के साथ आई थी, लेकिन बाद में बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंचा आैर उन्हें थाने लेकर चला गया।