Home Stay in Himachal: बिजली- पानी के बिलों की वसूली कमर्शियल दरों पर होगी
हाइलाइट्स
-
प्रस्ताव होम स्टे नियम 2024 में बदलाव को लेकर बनी मंत्री मंडलीय उपसमिति के समक्ष रखा गया
-
4000 से ज्यादा होम स्टे संचालकों को लगेगा महंगाई का तड़का
-
कैबिनेट सब-कमेटी सिफारिशें कैबिनेट को सौंपेगी और फिर सरकार फैसला लेगी
Post Himachal, Shimla
Home Stay in Himachal: मुफ्त बिजली में कटौती करने वाली सुक्खू सरकार अब हिमाचल में स्थापित हो चुके होम स्टे के संचालकों से बिजली- पानी के बिलों की वसूली कमर्शियल दरों पर होगी। इस फैसले से 4000 से ज्यादा होम स्टे संचालकों को झटका लग सकता है। होम स्टे में बिजली और पानी की सुविधा कॉमर्शियल दरों के हिसाब से मुहैया करवाने का प्रस्ताव होम स्टे नियम 2024 में बदलाव को लेकर बनी मंत्री मंडलीय उपसमिति के समक्ष रखा गया है। यह बात कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने शिमला में बैठक के दौरान कही। अनिरुद्ध सिंह शिमला जिला प्रशासन द्वारा बुलाई गई 20 सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि उपसमिति की बैठक 22 जुलाई को होना प्रस्तावित है। कैबिनेट सब-कमेटी सिफारिशें कैबिनेट को सौंपेगी और फिर सरकार फैसला लेगी। राज्य विकास योजना और विकेंद्रीकृत योजना कार्यक्रम के तहत 3.98 करोड़, पिछड़ा क्षेत्र उप योजना के तहत 3.83 करोड़, मुख्यमंत्री ग्रामपथ योजना के तहत 31 लाख 77 हजार रुपए और विकास में जन सहयोग के आधीन 1.88 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी गई है। इस दौरान 2022-23 और 2023-24 के वित्तीय स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
टौर के पौधों की नर्सरी तैयार करे वन विभाग
बैठक में कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने वन विभाग को निर्देश दिए हैं कि इस सीजन में टौर के पौधों की नर्सरी तैयार की जाए। सक्षम फेडरेशन टौर के पत्तों से पत्तल बनाने का कार्य कर रही है। इसी तर्ज पर अन्य स्वयं सहायता समूह भी आगे तभी आएंगे जब उन्हें टौर के पत्ते आसानी से मिल सकेंगे।
20 बिंदुओं के आधार पर लक्ष्य
20 सूत्री कार्यक्रम को साल 2006 में भारत सरकार ने मंजूर किया था तथा इसकी प्रकिया पहली अप्रैल, 2007 से शुरू हुई थी। इसमें बीस बिंदु रखे गए। इसमें कई विभागों को शामिल किया गया। इस कार्यक्रम के तहत विभागों को वार्षिक लक्ष्य दिए जाते थे, ताकि देश, राज्य व जिले का विकास हो सके। 20 सूत्री कार्यक्रम एक निगरानी तंत्र है, जो गरीबी उन्मूलन, रोजगार, शिक्षा, आवास, स्वास्थ्य, कृषि, भूमि सुधार, सिंचाई, पेयजल, कमजोर वर्गों का संरक्षण और सशक्तिकरण, उपभोक्ता संरक्षण, पर्यावरण, ई-गवर्नेंस आदि जैसे पहलुओं को कवर करता है।