मणिमहेश यात्रा 2024 के लिए पंजीकरण शुरू, नाम दर्ज होने के बाद ही डल की ओर रूख करें
हाइलाइट्स
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आधिकारिक यात्रा शुरू होने से पहले पहली बार पंजीकरण
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प्रशासन ने हड़सर में पुलिस बलों की तैनाती की कवायद की शुरू
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मौजूदा समय में यात्री काफी संख्या में डल झील की ओर कर रहे रूख
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पंजीकृत यात्री ही मणिमहेश की ओर रूख करें: एसडीएम
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
चंबा। उत्तर भारत में प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा 2024 के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है। उपमंडलीय प्रशासन भरमौर ने आनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसे में अधिकारिक यात्रा से पहले मणिमहेश डल झील की ओर पंजीकृत यात्री ही रूख कर पाएंगें। यह पहला मौका है जब अधिकारिक यात्रा से पूर्व मणिमहेश जाने वाले यात्रियों के पंजीकरण की व्यवस्था की है।एसडीएम भरमौर कुलवीर सिंह राणा ने यह जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि अधिकारिक रूप से मणिमहेश यात्रा इस वर्ष 26 अगस्त को आरंभ होगी और 11 सितंबर तक चलेगी। यात्रा शुरू होने से पहले ही हजारों की संख्या में शिवभक्त मणिमहेश डल झील पहुंच कर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। जिसके लिए पंजीकरण इस बार आधिकारिक यात्रा से पहले शुरू किया जा रहा है। प्रशासन की ओर से डल झील की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए पर्वतारोहण संस्थान भरमौर में पंजीकरण अनिवार्य किया है। पंजीकृत यात्री ही मणिमहेश की ओर रूख करें। इसके लिए प्रशासन ने हड़सर में पुलिस बलों की तैनाती की कवायद शुरू कर दी है। गए श्रद्धालुओं की आपदा प्रबंधन की दृष्टिगत आधिकारिक जानकारी रहे।
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मणिमहेश यात्रा के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
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आधिकारिक तौर पर यह यात्रा 26 अगस्त को आरंभ होगी और 11 सितंबर 2024 तक चलेगी
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पंजीकरण अनिवार्य है। यात्रियों को भरमौर पहुंचने से पहले अपना पंजीकरण कराना होगा। यात्रा के दौरान पंजीकरण पावती का प्रिंटआउट साथ रखना अनिवार्य है।
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एक मोबाइल नम्बर पर अधिकतम पांच व्यक्ति एक आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
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भरमौर क्षेत्र में बीएसएनएल, जियो और एयरटेल पसंदीदा दूरसंचार ऑपरेटर हैं। भरमौर में नेटवर्क सिग्नल कमज़ोर हैं, यात्रियों को भरमौर में पंजीकरण करते समय इंटरनेट स्पीड या ओटीपी प्राप्त न होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए यात्रियों से अनुरोध है कि वे भरमौर पहुँचने से पहले अपना पंजीकरण करा लें।
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यदि आप बेस कैंप हुडसर में मेडिकल जांच में अस्वस्थ पाए जाते हैं, तो आपको यात्रा शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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75 वर्ष से अधिक आयु के, चिकित्सकीय रूप से अस्वस्थ पाए जाने वाले व्यक्तियों को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मणिमहेश यात्रा में क्या करें
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यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपने साथ मेडिकल सर्टिफिकेट लेकर आएं तथा बेस कैंप हुडसर में आवश्यक स्वास्थ्य जांच करवाएं। यात्रा तभी करें जब आप पूरी तरह स्वस्थ हों।
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छह सप्ताह से अधिक गर्भवती महिलाओं को यात्रा नहीं करनी चाहिए।
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जब आपकी सांस फूलने लगे तो वहीं रुक जाएं।
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अपने साथ छाता, रेनकोट, गर्म कपड़े, गर्म जूते, टॉर्च और छड़ी लेकर आएं।
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यात्रा के दौरान चप्पलों की जगह जूते का प्रयोग करें।
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प्रशासन द्वारा निर्धारित मार्गों का उपयोग करें।
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किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए नजदीकी शिविर से संपर्क करें।
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साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
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दुर्लभ जड़ी-बूटियों और अन्य पौधों के संरक्षण में सहायता करें।
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किसी भी प्रकार का दान या चढ़ावा केवल ट्रस्ट के दानपात्र में ही दें।
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सभी COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करें। यात्रियों को अपने साथ मास्क और सैनिटाइज़र लाना चाहिए।
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यात्रियों को यात्रा के दौरान हमेशा अपना पहचान पत्र अपने साथ रखना चाहिए।
मणिमहेश यात्रा में क्या न करें
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बेस कैंप हुडसर से सुबह 04:00 बजे से पहले और शाम 04:00 बजे के बाद यात्रा न करें।
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अकेले यात्रा न करें, साथियों के साथ ही यात्रा करें। जोर से न चढ़ें और फिसलन वाले जूते न पहनें, यह घातक हो सकता है।
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खाली प्लास्टिक की बोतलें और रैपर खुले में न फेंके, उन्हें अपने साथ ले जाएं और कूड़ेदान में डालें।
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जड़ी-बूटियों और दुर्लभ पौधों के साथ छेड़छाड़ न करें।
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किसी भी प्रकार का नशीला पदार्थ, मांस, मदिरा आदि का सेवन न करें। यह एक धार्मिक यात्रा है, इसकी पवित्रता का ध्यान रखें।
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इस यात्रा को पिकनिक या मौज-मस्ती के रूप में न लें तथा केवल श्रद्धा और विश्वास के साथ तीर्थ यात्रा करें।
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पवित्र मणिमहेश डल झील के आसपास स्नान के बाद कूड़ा-कचरा, गीले कपड़े और अपने अधोवस्त्र न फेंके, उन्हें पास में लगे कूड़ेदान में ही डालें।
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किसी भी प्रकार का शॉर्ट कट न अपनाएं।
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प्लास्टिक का उपयोग न करें.
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ऐसा कोई भी कार्य न करें जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो तथा पर्यावरण को किसी प्रकार की हानि न हो।
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यदि यात्रा के दौरान मौसम खराब हो तो हडसर और डल झील के बीच धनछो, सुंदरासी, गौरीकुंड और डल झील पर सुरक्षित स्थान पर रुकें। मौसम अनुकूल होने पर ही यात्रा शुरू करें।