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पंद्रह हजार के लिए पंजाब के पर्यटकों ने की सोलन के टैक्‍सी चालक की हत्‍या, गमछे से गला घोंटा और नहर में फैंका शव

हाइलाइट्स

  • शिमला से पंजाब के दो युवकों को मनाली घुमाने ले गया था टैक्सी चालक

  • मनाली घुमाने के बाद लौटते समय युवकों ने बिलासपुर में दिया वारदात को अंजाम दिया

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


शिमला। शिमला से मनाली घूमाने ले गए टैक्‍सी चालक की दो युवकों ने महज पंद्रह हजार के लिए हत्‍या कर दी है। आरोपी युवकों की पहचान जसकरन जोत (20) निवासी गांव व डाकघर गुरम तहसील डेहलों लुधियाना और गुरमीत सिंह(27) निवासी गांव एवं डाकघर गुरम तहसील डेहलों लुधियाना के रूप में हुई है। दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शुरूआती जांच में पुलिस ने खुलासा किया है कि मनाली घुमाने के बाद लौटते समय उन्होंने बिलासपुर में वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने टैक्सी चालक को बिलासपुर में चाय पीने के बहाने रुकवाया। उसके बाद अपहरण करके गाड़ी में पहले चालक का गमछे से गला घोंटा। बाद में पत्थर मार कर चेहरा बिगाड़ दिया। इसके बाद शव को किरतपुर ले गए और नहर में फेंक दिया। शनिवार को पुलिस आरोपियों को पंजाब के मलेरकोटला और मुल्लांपुर से गिरफ्तार कर बरमाणा ले आई है।

टैक्‍सी चालक के पास रुपए देखकर नीयत बिगड़ी


पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है टैक्सी चालक के पास 500-500 रुपये के कई नोट आरोपियों ने देखे। उनकी नीयत बदल गई। हत्या का प्लान दोनों ने बनाया। चाय पीने के बाद टैक्सी चालक का उन्होंने अपहरण किया और परिचालक की सीट पर बैठाया। कार को एक आरोपी खुद चलाने लगा और दूसरा पिछली सीट पर बैठ गया। घागस के आसपास उन्होंने चालक का परने (गमछे) से गला घोट कर हत्या कर दी। इसके बाद सड़क किनारे पत्थर मार कर चेहरा बिगाड़। पीछे की सीट पर लेटा कर किरतपुर ले गए, जहां नहर में शव को फेंक दिया।

सोलन रामशहर का था टैक्‍सी चालक


टैक्सी चालक हरि कृष्ण निवासी गांव डोलरू डाकघर डोली तहसील रामशहर जिला सोलन के बेटे देशराज ने शिमला के सदर थाना में पहले जीरो एफआईआर कराई थी। मामला बरमाणा थाना में ट्रांसफर किया गया।

यह है मामला


देशराज के मुताबिक 24 जून को उनके पिता पंजाब के दो व्यक्तियों को शिमला से टैक्सी में मनाली ले गए। 25 जून को वह दोनों पर्यटकों के साथ मनाली से लौट रहे थे। 25 जून रात करीब 8:20 मिनट पर उनकी घर पर बात हुई और उन्होंने बताया कि बरमाणा पहुंच गया हूं। सवारियां बिलासपुर छोड़कर गांव आऊंगा। कुछ देर बाद फिर पिता को फोन किया, लेकिन जवाब नहीं मिला। उसी रात को मोबाइल बंद हो गया। 26 जून को पिता की तलाश में दाड़लाघाट, भराड़ी घाट और बरमाणा की ओर गए। भराड़ी घाट-कयारड़ा पेट्रोल पंप के सीसीटीवी में पिता की टैक्सी देखी गई। उन सवारियों में से एक व्यक्ति टैक्सी चलाकर लाया और दूसरा भी साथ ही था। लेकिन पिता नहीं दिखे। पिछली सीट पर कोई व्यक्ति लेटा दिखाई दिया।

 

डीएसपी मुख्यालय मदन धीमान के नेतृत्व में बनी जांच टीम ने शुक्रवार को टैक्सी लुधियाना से ढूंढी। उसमें खून के धब्बे भी मिले थे। तभी से अनहोनी का अंदेशा जताया जा रहा था। आरोपियों की पहचान पहले कर ली गई थी, लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर भागते रहे। आरोपियों से पूछताछ जारी है। दोनों पर पहले से कोई क्रिमिनल केस नहीं है।

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