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आग का तांडव: जंगलों में पिकनिक मनाने पर रोक, चरवाहों को अस्थायी ठारे हटाने के आदेश

 

हाइलाइट्स

  • दहकते जंगलों की आग से रिहायशी ईलाकों को खतरा

  • वन मंडल के साथ दमकल विभाग ने संभाला मोर्चा

राजेश शर्मा


जोगेंद्रनगर(मंडी)।  जंगलों में लगातार बढ़ रही आग से रिहायशी ईलाकों पर मंडराए खतरे को देखते हुए जंगलों में पिकनिक मनाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। चरवाहों को भी अस्थायी ठारे हटाने के आदेश जारी किए हैं।आग से दहक रहे जंगलों में किसी भी प्रकार के जानी नुकसान को रोकने के लिए यह फरमान वन विभाग के द्वारा जारी किया गया है। जंगलों में ज्वलनशील पदार्थों को भी ले जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। जंगलों में मौज मस्ती के दौरान आग की अधिक संभावनाओं को देखते हुए वन विभाग की टास्क फोर्स ने पैट्रोलिंग कर सोमवार को मंडी पठानकोट हाईवे से सटे घट्टा, मोहनघाटी के जंगलों में दबिश देकर यह व्यवस्था भी जांची है। शानन प्रोजेक्ट के साथ लगते स्यूरी जंगल में भी पिकनिक मनाने वालों पर पैनी नजर वन विभाग की बनी हुई है। उरला रेंज में भी जंगलों में अनावश्यक आवाजाही को लेकर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा वन परिक्षेत्र कमलाह, धर्मपूर, जोगेंद्रनगर और लडभड़ोल क्षेत्र में भी जंगलों को आग से रिहायशी ईलाकों को बचाने के लिए वन विभाग ने यह आदेश जारी किए हैं। वन मंडल जोगेंद्रनगर में आग की घटनाओं की बात करें तो अप्रैल और मई माह में करीब तीस आग की घटनाएं अभी तक हो चुकी है। इनमें करीब डेढ सौ हैक्टेयर बहुमूल्य वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। घट्टा के जंगलों में आग से वन विभाग की प्लांटेशन को भी नुकसान पहुंचा है। अनुमानित दो लाख से अधिक का नुकसान आग की घटनाओं से हो चुका है।

वन मंडल में 18 हजार हैक्टेयर वन संपदा अति संवेदनशील : डीएफओ

वन मंडल जोगेंद्रनगर के वन मंडलाधिकारी कमल भारती ने अप्रैल व मई माह में आग की घटनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि चिन्हित 25 हजार हैक्टेयर जंगल में 18 हजार हैक्टेयर बहुमूल्य वन संपदा आग की चपेट में आने की संभावना को देखते हुए उपरोक्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। बताया कि कमलाह, धर्मपूर, लडभड़ोल और जोगेंद्रनगर वन परिक्षेत्र में आग की कुल तीस घटनाओं में डेढ सौ हैक्टेयर बहुमूल्य वन संपदा को अभी तक नुकसान पहुंचा है।

 

घासनी में आग से दहक रहे हैं जंगल, फोरैस्ट एक्ट के तहत मामले होगें दर्ज-एसीएफ


वन मंडल जोगेंद्रनगर के एसीएफ अश्वनी कुमार ने बताया कि खेतों की घासनी में आग से जंगलों को भी नुकसान पहुंच रहा है आग के दौरान उठ रहे धुएं से पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। बताया कि जंगलों में आग लगाने वालों पर फोरैस्ट एक्ट के तहत मामले भी दर्ज होगें जिसमें दो साल की सजा का भी प्रावधान है। बताया कि रविवार देर शाम को फिर घट्टा के जंगल में आग लग जाने से वन विभाग की कई हैक्टेयर भूमि क्षतिग्रस्त हुई है। इसे दमकल विभाग के सहयोग से आग पर काबू पाया गया।

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