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गर्मी बढ़ते ही पारा चढ़ा, जंगलों में बिजली की तारें बढ़ रही आग का खतरा

 

हाइलाइट्स

  • पेड़ों से टकरा रही हाइटेंशन बिजली की तारें दे रही हादसों को न्‍योता
  • पांजड़ी के जंगल में राहगिरों और पुलिस कर्मियों की बदौलत टली आग की घटना
  • शहर के जंगलों से गुजरने वाली बिजली तारों की जांच करे बोर्ड

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


शिमला। गर्मी बढ़ते ही पारा चढ़ने लगा है। जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ चुकी हैं। छोटी सी चिंगारी भी एक भंयकर आग का कारण बन सकती है। उधर, पेड़ों से सटी बिजली की हाईटेंशन तारों का भी आग लगने का कारण बन रही है। राजधानी शिमला में इसका ताजा उदाहरण वीरवार को टुटीकंडी स्थित पांजड़ी के जंगल में भी देखने को मिला। लेकिन रास्ते में राहगीर व दो पुलिस कर्मियों की सजगता से पेड़ व जंगल में आग लगने से बच गई।

 

हुआ यूं कि राहगीरों व दो पुलिस कर्मियों ने पांजड़ी के जंगल में देखा कि एक बिजली हाईवोल्टेज तार पेड़ से सटी हुई है और पेड़ में आग लग गई। वहीं ये आग हवा के झोंको से और अधिक आग पकड़ रही है। ऐसे में दोनों पुलिस कर्मियों ने इसकी जानकारी नजदीकी बिजली बोर्ड अधिकारियों व बिजली लाइनमैन को दी। जिसके बाद आग को बुझा दिया। राहगीरों ने कहा कि जंगलों में इस तरह के कारण ही आजकल जंगलों में आग का कारण बन रहे हैं। जिससे जंगलों में आग लग रही है और जंगलों में रह रहे पक्षी व छोटे जानवर बेघर हो रहे हैं। वहीं अग्रिशमन विभाग को आग बुझाने के लिए मशक्‍कत करनी पड़ रही है।

शहर के जंगलों से गुजरने वाली बिजली तारों की जांच करे बोर्ड


स्थानीय लोगों ने बिजली बोर्ड प्रबंधन से भी मांग की है वह बोर्ड शहर व शिमला ग्रामीण क्षेत्रों में हाईटेंशन तारों की जांच करें कि कहीं तारें पेड़ों से संपर्क में तो नहीं। यदि संपर्क में है तो इन तारों को पेड़ों से हटाया जाए। क्योंकि बिजली की तारों में हल्की हवा होने पर आपस में टकराने से भी कई बार स्पार्किंग होती है और जिससे आग उत्पन्न होती है और जंगलों में आग भी लग रही है।

शिमला के जंगलों में अधिकतर, बान व चील पेड़


शिमला शहर व आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों जैसे तारदेवी के जंगलों में अधिकतर चील और बान के पेड़ हैं। गर्मियों के दिनों में चील के पेड़ों से बिरोजा भी निकलता है और चील की पत्तियां भी सुखी होती है। चील से निकलने वाला बिरोजा व सुखी पत्तियां हल्की सी आग से भी आग पकड़ लेती है। जिससे जंगलों में आग लग रही है। ऐसे में जंगलों को सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग को भी सर्तक रहने की जरूरत है।

पिछले कुछ दिनों से गर्मी बढऩे से लग रही जंगलों में आग लगने के मामले


शिमला शहर के आस पास के क्षेत्र जंगलों से घिरे हुए हैं। तापमान बढऩे के कारण पिछले कुछ दिनों से तारदेवी संकटमोचन, जुन्गा, धामी, खलीनी, टुटू आदि क्षेत्रों के जंगलों में आग लगने के मामले सामने आ रहे हैं। वीरवार को जहां पांजली के जंगल में आग लगने बच गई। वहीं संकटमोचन स्थित जगंल आग लग गई। अग्रिशमन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर आग बुझाई।

जुन्गा के खडक़ीधार और झंडी के जंगलों में लगी भीषण आग, जुन्गा में 12 लाख का नुकसान


जुन्गा के समीप खडक़ीधार और करोली बीट के झंडी में बीते दो दिन से भीष्ण आग की चपेट में चीड़ के जंगल और किसानों की घासनियां राख में तबदील हो गई, हालांकि वन विभाग द्वारा वनों की अमूल्य समंदा आग से बचाने के लिए काफी प्रयास किए गए थे। इसके बावजूद भी गर्मियों के मौसम में हर वर्ष शरारती तत्वों और लोगों की लापरवाही के चलते करोड़ों रुपए की अमूल्य संपदा आग की भेंट चढ़ रही है। वन परिक्षेत्राधिकारी कोटी रूपेन्द्र शर्मा के बताया कि चंडी बीट में लगी आग से करीब 70 हैक्टेयर वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। जिसकी खुले बाजार में कीमत करीब साढ़े 12 लाख आंकी गई है। उन्होंने बताया कि इस भीषण आग में चीड़ के करीब 40 पड़ और तीन गौशालाएं जलने के अतिरिक्त एक पेयजल योजना को करीब डेढ लाख का नुकसान पहुंचा है।

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