चंबा में सरंक्षित वन्य जीवों के अंगों की बड़े पैमाने पर तस्करी, भारी खेप पकड़ी
हाइलाइट्स
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महाराष्ट्र से जुड़े चंबा में संरक्षित वन्य जीवों की तस्करी के तार
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आरोपियों की निशानदेही पर वन विभाग की टीम ने कसा तस्करी पर शिंकजा
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फारेंसिक जांच के लिए अंग देहरादून लैब में भेजे जाएंगे
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
शिमला/चंबा। संरक्षित वन्य जीवों का बड़े स्तर पर हो रहे अवैध शिकार पर वन विभाग ने शिकंजा कसा है। हाल ही में प्रतिबंधित सामान के साथ धरे गए आरोपियों की निशानदेही पर छापेमारी करते हुए वन विभाग ने बड़ी खेप बरामद की है। यह सामान आरोपियों के ठिकानों से ही पकड़ा गया है। अब मामले में आगामी कार्रवाई कर रही है। इस सामान को फोरैंसिक जांच के लिए देहरादून भेजा जाएगा।
यह सामान बरामद
मॉनिटर लिजर्ड की 7 हत्थाजोड़ी, 278 सियार सिंगी (गीदड़ सिंगी) मिली है। इसके अलावा वन्य प्राणियों के 90 से अधिक नाखुन, सांप की त्वचा, कुछ हड्डियां, करीब 50 मांस के टुकड़े व माॅनिटर लिजर्ड के 9 पंजे बरामद हुए हैं। इनके लिंक महाराष्ट्र से जुड़े पाए गए।
यह है मामला
वन विभाग की टीम को जिले में वन्य प्राणियों के अवशेषों की तस्करी की गुप्त सूचना मिली थी। सूचना के बाद करीब 15 दिनों से वन विभाग के कर्मचारी तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे।
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2 दिन पहले वन विभाग ने चम्बा-खजियार मार्ग पर गेट के पास नाका लगाकर 2 लोगों को पकड़ा था। उनसे मॉनिटर लिजर्ड (बड़ी छिपकली) की चार हत्थाजोड़ी मिली थी। जब इनके ठिकानों पर रेड की गई तो वहां से और दो हत्थाजोड़ी मिली थी।
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इसके बाद वन विभाग की टीम को सूचना मिली कि एक और गिरोह सक्रिय है। इस दूसरे गिरोह को टीम ने बालू में पकड़ा था। इसमें 4 लोग शामिल थे। ये सभी राजस्थान से हैं। उनके ऊपर भी नजर रखी थी।
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न्यायालय में पेश करने के बाद जब रिमांड के दौरान इनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि पहले आरोपियों ने तीसा के नजदीक नकरोड़ में डेरा लगाया था। यहां पर शिकार किया। जब टीम आरोपियों को निशानदेही के लिए नकरोड़ लेकर गई तो शिकार किए गए स्थान पर हड्डियां मिलीं। शिकार को फंसाने के लिए उन्होंने चिकन को लगाकर फंसाया था। इसे सुबूत के तौर पर बरामद किया गया है।