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खतरा: मुलथान में बारिश, 30 परिवारों के 107 लोग सुरक्षित स्‍थानों पर शिफ्ट

 

  • बाजार ओर खतरे की जद में आया रिहाईशी इलाका भी प्रशासन ने खाली करवाया

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


जोगेंद्रनगर(मंडी)। मुल्‍थान के लोगों के जहन में शुक्रवार की त्रास्‍दी के जख्‍म बिलकुल हरे हैं। बचाव और राहत जारी है। लेकिन शुक्रवार को दोपहर बाद फिर से बारिश होने से चिंताए और भय बढ़ गया है। एतिहातन प्रशासन ने 107 लोगों को सुरक्षित स्‍थानों में शिफ्ट कर दिया है। वहीं बाजार और प्रभावित रिहायशी इलाका खाली करवा दिया है। तहसीलदार डा वरुण गुलाटी ने इसकी पुष्टि की है। उन्‍होंने कहा कि हादसे से प्रभावित परिवारों से दोबारा मुलाकात कर उन्हें करीब दो लाख से अधिक की आर्थिक सहायता भी प्रदान की। करीब 43 परिवारों को यह आर्थिक सहायता बांटी गई है। जबकि अन्य प्रभावितों की सूची भी तैयार कर उन्हें प्रशासन के माध्यम से नियमानुसार आर्थिक सहायता प्रदान किया जाएगा।

 

शानन प्रोजेक्ट की रेजरवायर के बराजगेट समय पर नहीं खुलते तो बरोट में भी मचती तबाही


मंडी कांगड़ा सीमा पर मुल्थान गांव में शुक्रवार को लंबाडग 25 मैगावाट पन विद्युत प्रोजेक्ट की एचआरडी में अचानक हुए पानी के रिसाव के बाद अगर बरोट स्थित शानन परियोजना की रेजरवायर के बराजगेट समय पर नहीं खुलते तो बरोट में भी तबाही मच जाती। पंजाब राज्य की 110 मैगावाट शानन और हिमाचल राज्य की 66 मैगावाट बस्सी परियोजना को भी भारी नुकसान पहुंचता। इस आशय की जानकारी शनिवार को शानन प्रोजेक्ट के बरोट में रेजरवायर के कनिष्ठ अभियंता राजन ने देते हुए बताया कि उन्हें सुबह करीब आठ बजे ही हाइड्रो प्रोजेक्ट लंबाडग की एचआरडी से अचानक पानी के रिसाव की जानकारी जैसे ही मिली उन्होंने ऐहतियातन बरोट स्थित रेजरवायर के दो बराजगेट खोल दिए। इससे रेजरवायर को भी नुकसान पहुंचने से सुरक्षित बचाया गया। शानन परियोजना के ही सिविल कनिष्ठ अभियंता आदित्य ने बताया कि शानन परियोजना की पुरानी और नई करीब 16 लाख मिलियन क्यूबिक मीटर पानी भरा हुआ था और रेजरवायर में इनटैक लेना अगर बंद नहीं किया होता तो रेजरवायर में अधिक पानी भर जाता तो रेजरवायर के बांध टूटने की भी संभावना प्रबल हो जाती और अगर यह हादसा हो जाता तो शानन और बस्सी परियोजना को भी नुकसान पहुंचता।शानन प्रोजेक्ट के आरई सतीश कुमार ने बताया कि बरोट स्थित रेजरवायर के बराजगेट अगर जल्द न खोले होते तो रेजरवायर में भी पानी खतरे से निशान से उपर हो जाता इससे और भी अधिक नुकसान की संभावनाएं बढ़ जाती।बताया कि शुक्रवार सुबह रेजरवायर में मलबा घुस जाने से विद्युत उत्पादन भी रोकना पड़ा। बस्सी परियोजना के आरई जितेंद्र कुमार ने बताया कि सुबह दस बजे पानी की आपूर्ति कम हो जाने से परियोजना की दो मशीनों में विद्युत उत्पादन रोकना पड़ा। दोपहर एक बजे से देर शाम पांच बजे तक विद्युत उत्पादन न होने से लाखों रूपए का नुकसान हुआ है।

 

 

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