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हादसे की अगर समय पर नहीं मिलती जानकारी तो और भयावह होता मुल्थान गांव का मंजर

राजेश शर्मा


जोगेंद्रनगर(मंडी)मंडी कांगड़ा सीमा पर मुल्थान गांव के 25 मैगावाट पन विद्युत प्रोजेक्ट में शुक्रवार सुबह हुए हादसे की जानकारी अगर आसपास के लोगों को समय पर न मिलती तो मुल्थान गांव का मंजर और भी भयावह होता बाजार से करीब तीन सौ मीटर दूर पहाड़ी पर बनी टनल में पानी के रिसाव के साथ जब मलबा और पत्थर भी गिरने लगे तो इसकी जानकारी मिलते ही लोगों ने चीखते चिल्लाते और सीटीयां बजाते हुए आसपास के लोगों को आगाह किया। पानी का तेज बहाव देखकर लोग पहले से ही सुरक्षित स्थानों पर चले गए। जिस कारण किसी भी प्रकार का जानी नुकसान इस हादसे में नहीं हुआ। राजस्व विभाग के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पानी के तेज बहाव को मुख्य बाजार की और आते हुए देख लोगों ने पूरे अदम्य साहस के साथ बंद पड़ी नालियों को भी खोल दिया। लकड़ी के डंडों और घर में मौजूद कृषि औजारों से लोगों ने पानी की निकासी की भी व्यवस्था अपने स्तर पर कर दी। इससे नुकसान की संभावनां को भी कुछ हद तक रोकने में लोगों को सफलता मिली। हालांकि 50 से अधिक दुकानों और घरों को लाखों करोड़ों का नुकसान पहुंचा है।

 

लाईव वीड़ियो देखकर घटना स्थल पर पहुंची महिला प्रधान


मुल्थान गांव में अचानक आई त्रासदी की जानकारी जैसे ही मुल्थान पंचायत की प्रधान दुर्गेश कुमारी को मिली वह अपने पति सुरेश कुमार और वार्ड सदस्य डिंपल और जगदीश के साथ तुरंत मौके पर पहुंच गई  इसके बाद उन्होंने पानी के तेज बहाव से सहमे लोगों को सुरक्षित स्थानों की और जाने के लिए आगाह किया और मलबे और कीचड़ के बीच प्रभावित परिवारों के साथ मोर्चे पर डटी रही। इस दौरान गुस्साए लोगों को आश्वस्त करवाते हुए परियोजना प्रबंधन के अधिकारियों को भी मौके पर बुलाया और लोगों के हुए नुकसान की भरपाई और लापरवाही पर भी अपनी भढ़ास निकाली।

 

अवकाश के चलते मुल्थान बाजार में आए दिनों की तरह कम थी चहलकदमी


मुल्थान गांव में शुक्रवार को सरकारी अवकाश के चलते मुख्य बाजार में भी चहलकदमी कम थी जिसके चलते राहत और बचाव कार्य में लोगों को अधिक दिक्कत पेश नहीं आई मुल्थान पंचायत की प्रधान दुर्गेश कुमारी ने बताया कि करीब एक किलोमीटर तक फैले बाजार में हर रोज काफी भीड़ रहती थी लेकिन शुक्रवार को अवकाश और बाजार की अधिक दुकानें बंद होने के चलते जानी नुकसान होने से बच गया।

 

आधी रात को होता हादसा तो नहीं बचती जान


मुल्थान गांव में पावर प्रोजेक्ट की टनल से पानी के रिसाव से मौके पर बाढ़ जैसे हालात देखकर प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अगर यह हादसा आधी रात को होता तो शायद लोगों को संभलने का मौका नहीं मिलता। जानी नुकसान भी इस हादसे से हो जाता प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पहाड़ी पर पानी के तेज बहाव के साथ पत्थर और लकड़ी के बड़े-बड़े हिस्से भी लोगों के घरों तक आ पहुंचे। मुल्थान गांव के पटवारी बलवीर कुमार ने बताया कि 50 से अधिक दुकानों और घरों के अलावा किसानों की कई हैक्टेयर भूमि भी पानी के तेज बहाव और मलबे से क्षतिग्रस्त हुई है। बताया कि नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।

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