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पिता गंभीर बिमारी से चल बसे, समृद्धि डॉक्टर बनकर करेगी  जरूरतमंदों की सेवा

  • दसवीं की परीक्षा में टॉप टैन में शामिल जोगेंद्रनगर आदर्श कन्या पाठशाला ने बिना कोचिंग हासिल किया मुका

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


जोगेंद्रनगर(मंंडी)। प्रदेश शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा की परीक्षा में दसवां स्थान हासिल करने वाली आदर्श कन्या पाठशाला जोगेंद्रनगर की होनहार छात्रा समृद्धि ठाकुर ने बताया कि उनके पिता गंभीर बिमारी से चल बसे इसलिए वह डॉक्टर बनकर जरूरतमंदों की सेवा करने का सपना संजोए हुए हैं। चौहारघाटी के दुर्गम क्षेत्र खरयाण की इस प्रतिभावान बेटी के पिता विरेंद्र कुमार गंभीर बिमारी से उस समय चल बसे जब समृद्धि ठाकुर महज दो साल की थी। मंगलवार को दसवीं की परीक्षा में 98.57 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रदेश भर में अव्‍वल आने के बाद समृद्धि ठाकुर ने बताया कि उसकी बड़ी बहन बीएससी की पढ़ाई कर रही है और दोनों बहने सामाजिक सरोकारों में अपनी सहभागिता को आगे ले जाने के लिए डॉक्टर व इंजीनियर बनना चाहती है। समृद्धि ठाकुर ने बताया कि उन्होंने बिना कोचिंग दसवीं की परीक्षा में यह मुकाम हासिल किया है। स्कूल में पढ़ाई के बाद सुबह और देर शाम तीन-तीन घंटे पढ़ाई कर प्रदेश शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा में प्रदेश भर के हजारों विद्यार्थियों को पछाड़ते हुए दसवां स्थान हासिल किया है।

रिधी वर्मा बोली वैज्ञानिक बनकर आसमान छूने की है तमन्ना


हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा में प्रदेश भर में दसवां स्थान हासिल करने वाली जोगेंद्रनगर की सरकारी आदर्श कन्या पाठशाला की रिधी वर्मा ने बताया कि वह वैज्ञानिक बनकर देश की उन्नति और प्रगति के लिए अपनी सेवाएं देना चाहती है। बताया कि सरकारी स्कूल में गुणवतावान शिक्षा के बलबूते पर उन्होंने 98.57 प्रतिशत अंक के साथ यह सफलता हासिल की है। मूलतः राजधानी शिमला के चक्कर की निवासी रिधी वर्मा के पिता अनुज वर्मा जोगेंद्रनगर की एक फाईनैंस कपंनी में सेवाएं दे रहे हैं। माता प्रवीण वर्मा गृहणी है। जिन्हें अपनी बेटी की इस उपलब्धी पर गर्व हो रहा है। रिधी वर्मा ने 700 में से 690 अंक हासिल कर प्रदेश भर में दसवां स्थान हासिल किया है।

आयुषी भारतीय सेना में बनेगी लेफ्टि‍नेंट


मंडी जिला के जोगेंद्रनगर की आदर्श कन्या पाठशाला की मेघावी छात्रा आयुषी ने बताया कि वह भारतीय सेना में लैफटीनैंट बनकर दुश्मनों के होश उड़ा देने का सपना बुन चुकी है  दसवीं कक्षा की परीक्षा में प्रदेश भर में 700 में से 691 अंक हासिल कर नौवां स्थान हासिल कर उन्होंने अपने निर्धारित लक्ष्य को लेकर अभी से मेहनत भी शुरू कर दी है। आयुषी ने 98.71 अंक अपनी कड़ी मेहनत और स्कूल के अध्यापकों की शिक्षा से हासिल किए हैं। मंगलवार को आयुषी ने बताया कि भारतीय सेना में बेटियों को अधिमान मिलने के बाद वह भी सेना के उच्च ओहदों पर सेवाएं देने के लिए तैयार है। आयुषी लैफटीनैंट बनकर देश के दुश्मनों को उन्हीं की भाषा में सबक सिखाना चाहती है। जोगेंद्रनगर के बनाईं गांव की आयुषी के पिता राजेंद्र अमृतसर में होटल प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। माता कमला देवी जोगेंद्रनगर में सिलाई की प्रशिक्षक है जिन्हें अपनी बेटी की उपलब्धि पर खूब गर्व महसूस हो रहा है।

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