गेंहू के बीज की फसलों के लिए लाभदायक नहीं बारिश
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किसानों की जौं की फसलों की पैदावार को खतरा, प्याज, लहसुन और आलू की फसल के लिए भी आफत बनी बारिश
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
जोगेंद्रनगर(मंडी)। मंडी जिला में कृषि विभाग के फार्मों में रोपी गेहूं के बीज के फसलों के लिए भी बारिश लाभदायक नहीं है। वहीं खरीफ की फसलों को भी नुकसान पहुंचना शुरू हो चुका है। अप्रैल माह में बारिश और ओलावृष्टि से जौं की फसलों की पैदावार पर सहमे किसानों को अब प्याज, लहसुन और आलू की फसल के लिए भी बारिश मुसीबत बन चुकी है। मंडी जिला के कृषि बीज परिगुणन क्षेत्र जोगेंद्रनगर के 4.76 हैक्टेयर भूमि पर गेंहू का बीज लगभग तैयार हो चुका है। जिसकी कटाई को लेकर कृषि विभाग ने तमाम तैयारियां पूरी कर रखी है लेकिन लगातार हो रही बारिश से गेहूं की फसल की कटाई को लेकर भी कृषि विभाग के माथे में चिंता की लकीरें खींच गई है। कृषि विभाग के ही अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मई माह की 15 तारीख के बाद गेंहू के बीज की कटाई शुरू होनी है और इसके बीज की ग्रेडिंग का कार्य शुरू होना है। लेकिन लगातार हो रही बारिश के चलते दिक्कतें बढ़ गई है। वहीं मंडी जिला के कृषि बीज परिगुणन परिक्षेत्र मोवीसेरी, सुंदरनगर ब्लॉक के छतर, गोहर ब्लॉक के गुडेरी और करसोग ब्लॉक में भी कृषि विभाग के फार्मों में तैयार हो चुके गेहूं के बीज के लिए बारिश मुसीबत बनी हुई है। दं्रग हल्के की चौहारघाटी में अक्तूबर माह में रोपी गई प्याज व लहसुन और दिसंबर माह में आलू की बंपर फसल लगभग तैयार हो चुकी है। किसान इन फसलों को खेतों से निकालने की तैयारी में है लेकिन लगातार हो रही बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
बारिश से खरीफ की फसलों के सड़ने लगे बीज
गर्मी के मौसम में किसानों के द्वारा लगाए गए खरीफ की फसलों में शामिल भींडी, फ्रासबीन, करेला, बैंगन, टमाटर, शिमलामिर्च के बीज भी बारिश से सड़ने लग पड़े हैं। इन फसलों की पैदावार को लेकर किसान चिंतित है। कृषि विभाग के विषयवाद विशेषज्ञ सोनम ने बताया कि किसानों को खरीफ की फसलों के हाईब्रिड बीज उपलब्ध करवाए गए हैं बताया कि अगर बारिश नहीं थमी तो लहसुन, प्याज और आलू की बंपर फसल की पैदावार पर भी इसका असर पड़ेगा। गेंहू की तैयार हो चुकी फसल के लिए भी बारिश अब लाभदायक नहीं है।