आपरेशन लोटस फेल: सुक्खू बने रहेंगे सीएम पद पर, विक्रमादित्य ने वापिस लिया इस्तीफा
हाइलाइट्स
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कांग्रेस ने नेताओं ने वीरवार शाम काे प्रेस कॉन्फ्रेंस की
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पार्टी और विधायकों के बीच सारे मतभेद सुलझने का दावा
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नेता बोले, हमारे लिए अब लोकसभा चुनाव प्राथमिकता
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पर मंडराया सियासी संकट टल गया है। सुखविंद्र सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री पद पर फिल्हाल बने रहेंगे। जबकि विक्रमादित्य ने इस्तीफा वापिस ले लिया है। कांग्रेस के छह विधायकों की क्रास वोटिंग और उनकी सदस्यता रद्द होने के बाद कांग्रेस ने 29 फरवरी की शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और हिमाचल सीएम सुखविंदर सुक्खू शामिल रहे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि पार्टी और विधायकों के बीच सारे मतभेद सुलझा चुके हैं। सुक्खू सीएम बने रहेंगे। ऑपरेशन लोटस फेल हो गया है। हमारे लिए अब लोकसभा चुनाव प्राथमिकता है।
प्रतिभा सिंह ने कार्रवाई पर जताई नाराजगी
पूर्व सीएम वीरभद्र की पत्नी प्रतिभा सिंह ने विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया की सस्पेंशन की कार्रवाई पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा कि ये फैसला हाईकमान को लेना था।
प्रतिभा सिंह आती है तो उनका स्वागत:जयराम
भाजपा ने भी अपने सभी विधायकों से कहा है कि वे शिमला में ही रुके रहें। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि अयोग्य ठहराए गए विधायक जाहिर तौर पर हमारे होंगे। अगर प्रतिभा सिंह भाजपा में आती हैं तो उनका स्वागत है।
6 बागी विधायकों ने स्पीकर के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी
कांग्रेस के 6 बागी विधायकों ने स्पीकर के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी है। बजट सेशन के दौरान सदन में मौजूद न रहने पर स्पीकर पठानिया ने गुरुवार सुबह इन्हें विधानसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराया था। बागी विधायकों ने अपनी सदस्यता रद्द करने के फैसले को चैलेंज किया है। कांग्रेस के इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करते हुए बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में वोटिंग की थी, जिसकी वजह से कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी हार गए थे।