कांग्रेस आई का नाम बदलकर कांग्रेस लाई रख देना चाहिए : शैलेंद्र गुप्ता
हाइलाइट्स
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महिलाओं को 1500, एक लाख रोजगार, गोबर उठाने तक की दे डाली झूटी गारंटी
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अब सुल्तानपुरी को लगी झूठ की बीमारी, झूठी पार्टी के नेता केवल झूठ उगलने में नंबर वन
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कसौली विधानसभा के विकास को डेढ़ साल में लगा ड़ाला ग्रहण, परवाणू में डायरिया से हालात बेकाबू
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
सोलन। शिमला संसदीय क्षेत्र के भाजपा प्रवक्ता शैलेंद्र गुप्ता का कहना है कि झूठ के दम पर सत्ता पर काबिज होने वाले कांग्रेस पार्टी के नेता झूठ बोलकर पढ़े लिखे अनपढ़ों जैसी बात कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के बाद झूठ बोलने में नंबर दो पर कौन रहेगा कांग्रेस नेताओं में रेस लगी है। कसौली के विधायक और शिमला संसदीय सीट के कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी भी इस रेस में नंबर दो पर आने लिए दौड़ना शुरू हो गए हैं। कह रहे हैं कि भाजपा के सांसद सुरेश कश्यप ने सांसद में एक भी प्रश्न नहीं पूछा। कुछ दिन पहले यह भी कहा गया कि पंचायतों में सांसद निधी से विकास नहीं हुए। कांग्रेस पार्टी के पढ़े लिखे अनपढ़ों की इस तरह की नेतागिरी से बेड़ा गर्क हो रहा है। बिना आंकड़े के बयान बाजी करके झूठ बोलने वाली कांग्रेस पार्टी को अपना नाम बदलकर कांग्रेस आई की जगह “लाई” झूठ की सरकार रख लेना चाहिए। कांग्रेस के लेता झूठ बोलने से पहले कुछ तो होमवर्क करें। कम से कम आंकड़े ही जुटा लें।
सांसद सुरेश कश्यप के कार्यकाल के दौरा शिमला संसदीय सीट के आंकड़े अब मीडिया में भी तथ्यों सहित प्रकाशित होने लगे हैं। ऐसे में कांग्रेस के इस तरह के झूठे नेताओं पर विश्वास कौन करेगा ? आकंडे बताते हैं कि सुरेश कश्यप की संसद में हाजरी 113 दिन रहीं। संसद में केवल अनुपस्थित 29 दिन रहे। कुल प्रश्न पूछे की संख्या 62 रही और 16 वाद विवाद में हिस्सा और दो बिलों पर चर्चा की। करीब दस करोड़ सांसद निधी मिली। कोरोना जैसे भयावह दौर में पूरी सांसद निधी विकास कार्यों में खर्च करने का रिकार्ड बनाया।
इसके विपरीत कांग्रेस ने महिलाओं को 1500, एक लाख रोजगार, गोबर उठाने तक की झूठी गारंटी दी।
कसौली विस क्षेत्र के विधायक और शिमला संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी अपने गिरेबान में झांकें। पढ़े लिखे अनपढ़ों वाली बात छोड़कर कांग्रेस उम्मीदवार को चाहिए कि वह अपने डेढ़ वर्ष के कार्यकाल का लिखा जोखा रखें और अपने परिवार जिन्होंने 6 बार इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया उनके विकास के कार्य के कार्य गिनवाए। डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में अपनी विधानसभा क्षेत्र का विकास का एक भी कार्य नहीं करवा सके। अपने क्षेत्र की आवाज को विधानसभा मे प्रभावी ढंग से रखने में नाकाम रहे हैं। उनका संपर्क जनता से लगभग शून्य रहा। कसौली विधानसभा के लोग उनकी गतिविधियों से केवल डेढ़ वर्ष में ही निराश हो चुके हैं। आपदा में गुमशुदा और अब लोकसभा चुनाव में झूठ पर झूठ बोल रहे हैं। अपने विधानसभा के लोगों की स्वास्थ्य की चिंता तक विधायक को नहीं है। कसौली में डायिरया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा। वहां ध्यान देने के बजाय झूठे बयान दे रहे हैं। ऐसे नेता केवल झूठ का दामन पकड़कर झूठ बोलना ही जानते हैं। जिन्हें सबक सिखाने के लिए जनता तैयार बैठी है।