बिजली बोर्ड पेंशनर 3 मई को बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ रणनीति करेंगे तैयार
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बैठक में होगा फैसला पेंशनर लोक सभा चुनाव में किस पार्टी का करेंगे समर्थन
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
शिमला। बिजली बोर्ड में पेंशनरों की मांगों को लेकर बोर्ड प्रबंधन सक्रिय नहीं है। ऐस में अब प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के 28 हजार पेंशनरों के प्रतिनिधि 3 मई को बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ अपनी आगामी रणनीति तैयार करेंगे। पदाधिकारियों की बैठक शिमला में होगी जिसमें प्रदेश भर से पेंशनर भाग लेंगे। बोर्ड पेंशनर फोरम के प्रदेश अध्यक्ष ई. एएस गुप्ता ने बताया कि छठे वेतन आयोग का लाभ बिजली बोर्ड को भी 1-1-16 से देय है लेकिन वेतन निर्धारण की प्रक्रिया अत्यंत धीमी होने के कारण पेंशनरों को आठ वर्ष के बाद भी एरियर का भुगतान नहीं किया जा सका। केवल पिछली भाजपा सरकार ने 20 प्रतिशत एरियर का भुगतान किया था जबकि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में बिजली बोर्ड के ढुलमुल नीति के कारण पेंशनरों को एरियर का भुगतान नहीं किया गया हालांकि प्रदेश के पेंशनरों को 20 प्रतिशत व 35 प्रतिशत एरियर दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि बीते सप्ताह पैंशनरों का एक प्रतिनिधि मंडल इस विषय में बोर्ड प्रबंधन से मिला था लेकिन प्रबंधन का दो टूक उत्तर था कि इस प्रक्रिया में ढाई साल भी लग सकते हैं हालांकि 21 नवंबर को हुई बैठक में पेंशनरों को लिखित मे आश्वस्त किया गया था कि इस प्रक्रिया को 31 मार्च तक पूरा कर दिया जाएगा। ऐसे में अब अब पेंशनर आर पार की लडाई लडऩे को तैयार हो चुके हैं।उन्होंने बताया कि बिजली बोर्ड पेंशनर फोरम की केंद्रीय कार्य कारिणी ने प्रदेश भर के तमाम पदाधिकारियों की एक आपातकालीन बैठक 3 मई को शिमला में बुलाई है जिसमे इस विषय पर मंथन किया जाएगा और आगामी रणनीति घोषित की जाएगी कि आने वाले लोकसभा चुनावों में पेंशनर कौन सी पार्टी को समर्थन देंगे अथवा उनके द्वारा चुनावों का बहिष्कार किया जाए।