ध्वनी प्रदूषण में मनाली नंबर वन, कुल्लू दूसरे नंबर पर
हाइलाइट्स
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शिमला में 21 दिन ध्वनि प्रदूषण की रीडिंग तय मानकों के ऊपर
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हिमाचल में कई जगह शांति भंग कर रहा ध्वनि प्रदूषण
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270 सैंपल फेल, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में खुलासा
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
शिमला, गीता भारद्वाज। हिमाचल प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर ध्वनि प्रदूषण के 270 सैंपल फेल हुए हैं। हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ध्वनि प्रदूषण पर 2023 की सालाना रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। लिए गए सैंपल में मनाली में पहले और कुल्लू दूसरे नंबर पर है। मनाली 109, कुल्लू 67 और शिमला में 21 दिन ध्वनि प्रदूषण की रीडिंग तय मानकों के ऊपर थी। बोर्ड प्रदेश में 87 स्थानों पर ध्वनि सेंसरों से प्रदूषण पर नजर रखता है। हफ्ते में एक बार सैंपल लिए जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, शिमला, कुल्लू, मनाली और रामपुर में बनाए गए शांत क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण के नियमों की सबसे ज्यादा अवहेलना हुई है। शिमला में दिन में 21, कुल्लू में दिन में 10 रात में 40, मनाली में दिन के समय 11 रात में 36 और रामपुर में दिन में 29 बार ध्वनि प्रदूषण तय सीमा से अधिक दर्ज हुआ।
ऊना, परवाणू में भी शांत इलाकों में रात के तीन सैंपल फेल रहे। रिहायशी इलाकों में कुल्लू में दिन में 6 रात में 7, मनाली में दिन में 5, रात में 32 दिन ध्वनि प्रदूषण तय सीमा से ऊपर था। बद्दी में 10, बिलासपुर में 4, रामपुर में 2 और नालागढ़ में 4 दिन सैंपल फेल हुए।व्यावसायिक इलाकों में मनाली में दिन में 16 और रात में 9 दिन सैंपल फेल थे। हालांकि औद्योगिक क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण तय मानकों के अंदर ही रहा। बढ़ते प्रदूषण के नुकसान बढ़ता हुआ ध्वनि प्रदूषण स्वास्थ्य और पर्यावरण पर कई प्रकार से हानिकारक है। ऊंचे डेसिबल स्तरों के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण सुनने की क्षमता को नुकसान पहुंच सकता है। ज्यादा ध्वनि प्रदूषण उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। ध्वनि प्रदूषण तनाव के स्तर, चिंता और संज्ञानात्मक प्रदर्शन में कमी में योगदान देता है।