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बड़ा सियासी उलटफेर : भाजपा के हर्ष जीते, बहुमत के बावजूद हारी कांग्रेस का खतरे में वजूद

 

हाइलाइट्स

  • दिन भर चले हाइवोल्‍टेज ड्रामे के बाद देर शाम निकला रिजल्‍ट

  • हेलीकॉप्टर से विधायक बबलू मतदान के लिए पहुंचाए, भाजपा ने काटा बवाल

  • मतगणना शुरू होने से ठीक पहले जमकर हंगामा

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


शिमला/सोलन। दिन भर हाइवोल्‍टेज ड्रामे के बाद आखिरकार भाजपा ने करिश्‍मा कर दिखाया और हर्ष महाजन को राज्‍य सभा सांसद बनाकर दिल्‍ली तक कांग्रेस खेमे में खलबली मचा दी है। कांग्रेस को बिखेरने में एक और छह बार मुख्‍यमंत्री रहे स्‍वर्गीय वीरभद्र सिंह के रणनीतिकार हर्ष महाजन का अनुभव काम आया। वहीं, भाजपा की सोची समझी रणनीति ने बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस को चुनावों में बुरी तरह से चित्‍त कर दिया। बता दें कि हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा की एक सीट के मंगलवार को विधानसभा परिसर में मतदान हुआ। इसके बाद मतगणना शुरू होने से ठीक पहले जमकर हंगामा हुआ।

  • नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विधायक सुदर्शन बबलू को वोट दिलाने के लिए होशियारपुर से सीएम के हेलीकॉप्टर में लाया गया। फिर सीएम की कार से मतदान केंद्र तक पहुंचाया गया। यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। इसकी चुनाव आयोग से शिकायत की और मांग की। उन्होंने कांग्रेस के पोलिंग एजेंट पर चुनाव अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया।

 

  • कल सुक्‍खू की इस बिसात से मचा था बवाल
    कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग और कुछ विधायकों के गैर हाजिर रहने का डर था, क्योंकि कुछ विधायक अपनी ही सरकार से नाराज चल रहे हैं। यही कारण था कि भाजपा ने महाजन को चुनावी रण में उतारा है। इस दाव पर सीएम सुक्‍खू ने एक और दाव चला और व्‍हिप जारी कर दिया।

 

  • हिमाचल विधानसभा में कुल 68 सीटें हैं। नवंबर-2022 में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी और 8 दिसंबर 2022 को चुनाव नतीजे आए। इसमें कांग्रेस को 40 और भाजपा को 25 सीटें मिली। 3 सीटों पर निर्दलीय विधायक जीते।

हिमाचल में राज्यसभा की एक सीट अप्रैल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पूरा हो जाने के कारण खाली हो रही है। यहां राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए कम से कम 35 विधायकों के वोट जरूरी थे। चूंकि विधानसभा में कांग्रेस का पूर्ण बहुमत है और राज्यसभा सीट पर उसके कैंडिडेट की जीत तय थी इसलिए पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को कैंडिडेट बनाया। घटनाक्रम में रोचक मोड़ तब आया जब बहुमत से 10 विधायक कम होते हुए भी बीजेपी ने वीरभद्र सिंह के करीबी और कांग्रेस छोड़कर आए हर्ष महाजन को मैदान में उतार दिया। पूर्ण बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी हारे हैं। यह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पार्टी, दोनों के लिए लोकसभा चुनाव से पहले तगड़ा झटका है।

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