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Politics: राणा, सुधीर और भुट्टो का पलटवार तो सुक्‍खू बोले बागी 15 करोड़ तो सरगना ने लिए होंगे अधिक पैसे

हाइलाइट्स

  • नेताओं की खरीद फरोख्‍त के आरोपों पर तपी देवभूमी

  • तीनों नेताओं ने भेजे मानहानी के नोटिस

  • बिकाऊ को जिताऊ नहीं बनाया जाता: सुक्‍खू

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


शिमला। ऊना में सार्वजनिक मंच से सीएम सुक्‍खू के पंद्रह करोड़ में बागियों के बिकने के आरोपों वाले बयान से देवभूमि हिमाचल में सियासत तपी हुई है। राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा और भुट्टों इस बयान कड़ा ऐतराज जताया है। तीनों मानहानी का नोटिस भेज रहे हैं। राणा ने सुक्‍खू को किसी डाक्‍टर से दिखाने की सलाह दी है और मानहानी का नोटिस भेजा है। वहीं, सुधीर शर्मा ने सीएम को मानहानि का नोटिस दिया है। मुख्यमंत्री को यह नोटिस एडवोकेट अमर विवेक अग्रवाल के के माध्यम से भेजा गया है। नोटिस में 5 करोड़ रुपए की मानहानि का क्लेम किया गया है। साथ ही कानूनी कार्रवाई के लिए 55 हजार रुपए का अतिरिक्त भुगतान करने कहा गया है। दूसरी और इस सबके बाद सुक्‍खू और आक्रामक हो गए हैं।नादौन के सेरा में पत्रकारों के सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि 15 करोड़ में तो बागी विधायक बिके हैं, लेकिन उनके सरगना ने इससे अधिक लिए होंगे। उपचुनाव में जनता को बताएंगे कि बिकाऊ को जिताऊ नहीं बनाया जाता है।

ऊना में मुख्यमंत्री पर बरसे देवेंद्र भुट्टो, लगाए कई आरोप


वहीं, विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार और कांग्रेस पार्टी से बागी विधायक देवेंद्र भुट्टो ने कहा कि मुख्यमंत्री के भाई का नादौन क्षेत्र में लगे क्रशर की जांच करवाई जाए। जिस स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है और उद्योग मंत्री ने जो नोटिंग फाइल में दर्ज की है, इससे बड़ा और क्या भ्रष्टाचार हो सकता है। उन्होंने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा है कि यह मित्रों की सरकार है। उन्होंने कहा कि 4 जून को उनके नाम का फट्टा शिमला सचिवालय में आखिरी मुख्यमंत्री के रूप में लगाया जाएगा। उन्होंने कहा है कि उनके ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं, उसके विरुद्ध मुख्यमंत्री को हाईकोर्ट से नोटिस भेजा जा रहा है। और मानहानि का का मुकदमा किया जाएगा।

 

सीएम सुक्खू खुद करते हैं खरीद-फरोख्त की राजनीति: आशीष शर्मा


विधायक आशीष शर्मा ने मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपनी रानीतिक रोटियां सेंकने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। वह बेवजह से 15 करोड़ लेने वाले बयान दे रहे हैं। जबकि खरीद-फरोख्त की राजनीति मुख्यमंत्री खुद करते हैं। हम नौ जब राज्यसभा का वोट डालकर गए तो इन्होंने विभिन्न प्रलोभन दिए। हमारे क्षेत्र की जनता जानती है कि हमारा चरित्र क्या है और किस भाव से जनसेवा कर रहे हैं। लोगों को बरगलाने के लिए मुख्यमंत्री को इस तरह की बयानबाजी शोभा नहीं देती। अपने क्षेत्र और प्रदेश के हित के लिए विधायकी से त्याग दिया है। मुख्यमंत्री के आरोपों पर जल्द ही न्यायालय में जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अदालत में जवाब देना होगा। उन्हें युवा कांग्रेस के प्रधान की तरह ऐसी बातें करना शोभा नहीं देता। अब वह मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए हैं।

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