उहल प्रोजेक्ट की रेजर वायर, पैन स्टॉक में मई माह में शुरू होगी वाटर टैस्टिंग, टरबाईनों की मैकेनिकल स्पीनिंग के बाद शुरू होगा विद्युत उत्पादन
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जोगेंद्रनगर में ब्यास वैली कार्पोरेशन के सौ मैगावाट पन विद्युत परियोजना की क्षतिग्रस्त पैन स्टॉक को तीस अप्रैल से पहले दुरूस्त करने के लिए प्रबंधन ने झौंकी ताकत
राजेश शर्मा
जोगेंद्रनगर(मंडी)।हिमाचल प्रदेश की महत्वकांक्षी उहल तृतीय पन विद्युत प्रोजेक्ट में मई माह के आखिरी सप्ताह में वाटर टैस्टिंग का कार्य रेजर वायर और पैन स्टॉक में शुरू होगा। टरबाईनों में मैकेनिकल स्पीनिंग के बाद जून माह में विद्युत उत्पादन को लेकर ब्यास वैली कार्पोरेशन ने पूरी ताकत झौंक दी है। बुधवार को ब्यास वैली कार्पोरेशन हिमाचल प्रदेश की सौ मैगावाट पन विद्युत विद्युत परियोजना की दो हजार मीटर क्षतिग्रस्त पैन स्टॉक के कार्य को तीस अप्रैल से पहले पूरा करने की जानकारी मिली है। ऐसे में मई माह में खुद्दर स्थित रेजरवायर में जल भराव शुरू होगा और करीब 10.50 किलोमीटर की टनल में पानी भरने के बाद जून माह में विद्युत उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। करीब 85 करोड़ रूपये की धनराशी क्षतिग्रस्त पैन स्टॉक को दुरूस्त करने के लिए मरम्मत कार्य बीते कई माह से जारी है। परियोजना में विद्युत उत्पादन के लिए मैकेनिकल और सिविल वर्कस के लिए अनुमानित दो सौ से ढाई करोड़ रूपये की धनराशी खर्च की जा रही है।
ऐसे में सब ठीकठाक रहा तो हिमाचल प्रदेश सरकार के लिए उहल तृतीय पन विद्युत परियोजना भी कमाउ पूत बनेगी। बता दें कि मंडी जिला के जोगेंद्रनगर में उहल तृतीय पन विद्युत परियोजना की पैन स्टॉक में साल 2020 में हुए हादसे ने व्यास वैली पावर कार्पोरेशन की देखरेख में हुए निर्माण कार्य की पोल भी खोल दी थी। और अब हाईड्रो स्टेटिक्स टैस्ट सहित सभी प्रोटोकॉल को पूरा करने के बाद परियोजना में इसी साल सौ मैगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है 17 मई 2020 की वह काली रात जहां परियोजना की पहली 33.3 यूनिट में ही विद्युत उत्पादन पूरा होने से पहले ही पैनस्टाक में ब्लास्ट हो गया था। उसका कार्य करीब 80 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है। और अब करीब 22 साल बाद बिजली उत्पादन शुरू करने को लेकर प्रबंधन ने पूरी ताकत झौंक दी है। बता दें कि पैनस्टॉक फटने के बाद प्रैशर के साथ पानी के रिसाव के साथ मलबा, पत्थर यहां तक कि लकड़ी के टुकड़े भी मशीनों में घुस चुके हैं। कीचड़नुमा पानी से लबालब हुई मशीनरी को भी नुकसान पहुंचा है। 18 सौ मीटर की पैनस्टॉक में 9.34 मीटर पैनस्टॉक का हिस्सा हादसे से प्रभावित हुआ था। जिसे यथास्थिति पर लाने में ब्यास वैली प्रबंधन ने काफी हद तक सफलता हासिल कर ली है।
उहल परियोजना में सालाना 390 मिलियन यूनिट होगा विद्युत उत्पादन: देवेंद्र
बुधवार को ब्यास वैली कार्पोरेशन की सौ मैगावाट उहल परियोजना की जानकारी देते हुए प्रबंध निदेशक देवेंद्र कुमार ने बताया कि जून माह में सालाना 390 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन होगा। इससे ढाई सौ करोड़ की आमदनी भी होगी। बताया कि मई माह के आखिरी सप्ताह में परियोजना की रेजर वायर में वाटर टैस्टिंग का कार्य शुरू होगा और जून माह के पहले सप्ताह में 33.3 यूनिट की टरबाईनों में स्पीनिंग का कार्य पूरा होने के बाद विद्युत उत्पादन भी शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। कहा कि तीस अप्रैल तक परियोजना की क्षतिग्रस्त पैन स्टॉक को चुस्त दुरूस्त कर दिया जाएगा।