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सियासी करंट- भाजपा में बढ़ने बागियों का कुनबा, जयराम बिंदल डैमेज कंट्रोल में जुटे

 

हाइलाइट्स

  • भाजपा के दो पूर्व सांसदों किश्‍न कपूर और महेश्‍वर सिंह ने खोला मोरचा
  • तीन विधायकों सहित मंडी संसदीय क्षेत्र के आठ भाजपाई भी झटका देने की तैयारी में
  • धर्मशाला में पूर्व प्रत्‍याशी राकेश चौधरी का इस्‍तीफा
  • गगरेट व देहरा में डैमेज कंट्रोल का असर आया नजर

पंकज पंडित


प्रदेश में लोकसभा पर विधानसभा उपचुनाव के प्रत्‍याशी की घोषणा के बाद भाजपा में बागियों का कुनबा बढ़ने लगा है। लोकसभा चुनावों के साथ उपचुनाव कर राजनैतिक बढ़त लेने की भाजपा की मंशा उनपर ही भारी पड़ती नजर आ रही है। लोकसभा प्रत्‍याशियों से अधिक उपचुनाव में बागियों को टिकट देना भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर रोष पनपने लगा है। मंडी संसदीय क्षेत्र में कंगना रणौत भले ही बड़ा चेहरा हो, लेकिन यहां पर बगावत का बड़ा असर नजर आ सकता है।

पूर्व सांसद महेश्‍वर सिंह ने इसका कड़ा विरोध करते हुए राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष को पत्र लिखकर पुराने वायदों को याद दिलाया है। जो विधानसभा चुनावों के समय महेश्‍वर से किए थे। वहीं, दूसरी तरफ विधानसभा चुनावों में दरकिनार किए गए पूर्व विधायक कर्नल इंद्र सिंह, तेजवंत नेगी, जवाहर ठाकुर सहित पूर्व प्रदेश प्रवक्‍ता प्रवीण शर्मा, हितेश्‍वर ठाकुर, राम सिंह सहित कुल आठ लोगों की बैठक ने भी भाजपा में खेमेबाजी को हवा दे दी है। कंगना के पक्ष में आयोजित विरोध प्रदर्शन में पूर्व प्रत्‍याशी बिग्रेडियर खुशाल ठाकुर व अजय राणा की मौजूदगी भी कई सवाल खड़े कर रही है। लाहौल स्पिति से राम लाल मारकंडा पहले ही किनारा कर चुके हैं।

 


कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में धर्मशाला से भाजपा को दोहरा झटका लगा है। एक तरफ जहां भाजपा के पूर्व प्रत्‍याशी राकेश चौधरी, जो सुधीर शर्मा से नजदीकी मुकाबले में हार गए थे। उन्‍होंनें भाजपा से इस्‍तीफा देकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। दूसरा झटका पिछले दो सालों में दरकिनार किए गए भाजपा के वर्तमान सांसद किश्‍न कपूर ने किया है, उन्‍होंने एक तरफ जहां सुधीर को टिकट देने का विरोध किया है, वहीं पूर्व सीएम जयराम ठाकुर पर भी उनके कार्यकाल के दौरान कांगड़ा से भेदभाव करने का बड़ा आरोप लगाया है। जबकि कांगड़ा से शांता कुमार पहले ही सार्वजनिक रूप से पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठा चुके हैं।

 


भाजपा में उठी बगावत की लहरों को रोकने के लिए प्रदेशाध्‍यक्ष डा राजीव बिंदल और जयराम ठाकुर को मोरचे पर तैनात किया गया है। गगरेट में भाजपा ने बगावत पर अंकुश लगा दिया है। भाजपा की सबसे बड़ी राहत यह है कि चुनाव में अभी दो माह का समय है। ऐसे में देखना है कितना डैमेज कंट्रोल कर सकेगी।जयराम ठाकुर और महेश्‍वर सिंह की मुलाकात कोई रंग नहीं दिखा पाई है, जबकि बिंदल ने रमेश ध्‍वाला से मिलकर परिस्थितियों को संभालने में कामयाब हुए हैं। वहीं, उन्‍होंने प्रेम कुमार धूमल से भी समीरपुर में मुलाकात कर राजनैि‍तक चर्चा की है। जिससे स्थितियां सामान्‍य हो सकें।

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