Mandi

जलशक्ति विभाग नहीं जानता पानी का मोल, व्यर्थ बह रहा पानी खोल रहा पोल

 

  • उपभोक्ताओं को पानी की बूंद-बूंद बचाने की नसीहत देने वाला विभाग खुद हुआ लापरवाह

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


जोगेंद्रनगर(मंडी), राजेश शर्मा। पानी की बूंद-बूंद कीमती है ऐसे सलोग्नों से पेयजल उपभोक्ताओं को जल संरक्षण का संदेश देने वाला जलशक्ति विभाग ही पानी का मोल भूल गया है। जोगेंद्रनगर में हर रोज व्यर्थ बह रहे लाखों लीटर पानी से संरक्षण के दावों की भी पोल खुल गई है। शहर के लक्ष्मी बाजार के समीप डाकघर से होकर मकड़ैना, दारट बगला, मझवाड़, छत्तर के करीब नौ हजार पेयजल उपभोक्ताओं के लिए जलशक्ति विभाग के द्वारा बिछाई गई मुख्य पाईप लाईन से पानी की बर्बादी बीते कई दिनों से हो रही है। आसपास के जागरूक पेयजल उपभोक्ताओं ने पानी की बर्बादी को रोकने का आहवान जलशक्ति विभाग के संबंधित अधिकारियों से भी कई बार किया लेकिन पानी की बूंद-बूंद को बचाने की बातें हवा में करने वाले जलशक्ति विभाग अभी तक हरकत में नहीं आया है। वीरवार को डाकघर के समीप के रास्ते से होकर गुजरने वाले लोगों ने फिर पानी की बर्बादी देखी तो विभाग के उच्चाधिकारियों को भी सूचित किया लेकिन किसी ने भी पेयजल की क्षतिग्रस्त पाईपों को तत्काल सुधारने की जहमत नहीं उठाई। लाखों रूपये की इस महत्वकांक्षी पेयजल योजना से हर रोज व्यर्थ बह रहे लाखों लीटर पानी से दारट बगला, निचला गरोडू पंचायत के पेयजल उपभोक्ताओं ने भी आपति जताते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्र काथला स्थित पेयजल स्त्रोत से इस पानी की आपूर्ति से करीब नौ हजार पेयजल उपभोक्ता लाभान्वित होते हैं। व्यर्थ बह रहे पानी से जल संरक्षण अभियान को भी बट्टा लग गया है। जलशक्ति विभाग के उच्चाधिकारियों से पानी की बर्बादी को रोकने की दोटूक चेतावनी देते हुए पेयजल उपभोक्ताओं ने कहा कि अगर स्वच्छ पानी के रिसाव को रोका नहीं गया तो स्थानीय प्रशासन से लिखित शिकायत कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की जाएगी। हालांकि जलशक्ति विभाग के कनिष्ठ अभियंता अराध्य ने बताया कि उन्होंने विभाग के कर्मचारियों को पानी के रिसाव को रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं। वीरवार से ही क्षतिग्रस्त पाईप लाईन को दुरस्त करने की बात भी कही।

जोगेंद्रनगर में जलशक्ति विभाग की मुख्य पेयजल पाईप लाईन से पानी के रिसाव की जानकारी मिली है। विभाग के अधिकारियों को इस संदर्भ में आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं। ताकि जल संरक्षण अभियान को किसी भी प्रकार का बट्टा न लगे।

राकेश कुमार, अधिशाषी अभियंता जलशक्ति विभाग डिविजन ( चौंतड़ा ) जोगेंद्रनगर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *