कांग्रेस सरकार की अफसरशाही पर पकड़ ढ़ीली: शैलेंद्र
आक्सीजन पर सरकार
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अपने ही जिले में सबसे अधिक विरोध झेल रहे प्रदेश के सबसे कमजोर मुख्यमंत्री
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चिकित्सकों की हड़ताल से अस्पतालों में कर्राह रहे रोगी, स्वास्थ्य मंत्री बेखबर
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जिला परिषद में विकास कार्यों पर लगी ब्रेक, नहीं पहुंच रहे अफसर, वाक आउट कर रहे प्रतिनिधि
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
सोलन। हिमाचल में आक्सीजन पर चल रही कांग्रेस सरकार ने अफसरशाही पर भी पकड़ ढ़ीली कर दी है। चिकित्सकों की हड़ताल को खत्म करवाने में नाकाम सुक्खू सरकार और उनके स्वास्थ्य मंत्री एवं सोलन के विधायक धनी राम शांडिल रोगियों और तीमारदारों की परेशानी से बेखबर हैं। हिमाचल में स्वास्थय सेवाएं बुरी तरह से हांफी हैं। रोगी इलाज के लिए धक्के खाने को मजबूर हैं। वहीं, अपने ही जिले में सबसे अधिक विरोध झेल रहे प्रदेश के सबसे कमजोर मुख्यमंत्री
और उनके मंत्री दौरों की आड़ में सैर सपाटा कर रहे हैं। दूसरी और अफसरशाही की ढीली पकड़ से विकास भी हाशिये पर है। भाजपा प्रवक्ता शैलेंद्र गुप्ता ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी जीता जागता उदाहरण सोलन में जिला परिषद की बैठक है। विकास का खाका खींचने वाले अफसर ही बैठक से गैरहाजिर रह रहे हैं और जनता के प्रतिनिधियों को वाकआउट करना पड़ रहा है। इतनी दयनीय स्थिति कांग्रेस और उनके मंत्रियों ने पैदा कर दी है कि आम जनता इस सरकार को जड़ से उखाड़ने को आतुर है। लोकसभा चुनावों में तस्वीर सामने होगी। कांग्रेस और उनके मंत्रियों को सबसे शर्मनाक हार का सामना पूरे हिमाचल में करना पड़ेगा। भाजपा सरकार से मांग करती है कि चिकित्सकों की हड़ताल को सुलझाकर आम जनता को राहत दे और अफसरशाही पर कुछ पकड़ तो रखे, ताकि विकास के कार्यों गर्त में न जा सकें। यदि सरकार ने करने में नाकाम है तो इस सरकार को बने रहने का कोई हक नही। सीएम इस्तीफा दें। कांग्रेस की सरकार भंग होने में ही प्रदेश की भलाई है।