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National: 20 वर्षों के संघर्ष के बाद 204 सेना अधिकारियों को मिली लेफ्टिनेंट कर्नल पदोन्नति

Lt. Colonel Rank Promotion for Retired Officers: भारतीय सेना के 204 सेवानिवृत्त अधिकारियों को 20 वर्षों की लंबी न्यायिक लड़ाई के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर पदोन्नति का तोहफा मिला है। यह ऐतिहासिक निर्णय पिछले वर्ष सर्वोच्च न्यायालय ने सुनाया, जिसके तहत इन अधिकारियों को उनकी देय प्रमोशन और अन्य लाभ दिए जाएंगे।

मंडी जिला के कोटली क्षेत्र से संबंधित लेफ्टिनेंट कर्नल बसंत सिंह भारद्वाज (सेना मेडल, गैलेंट्री) ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि 2004 में भारतीय सेना द्वारा गठित “अजय विक्रम सिंह कमेटी” की अनुशंसा के अनुसार, जिन अधिकारियों ने 13 साल की सेवा पूरी कर ली थी, उन्हें लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर पदोन्नत किया जाना था। हालांकि, तकनीकी त्रुटियों के कारण कुछ “रेजिमेंटल कमीशन अधिकारियों” को इसका लाभ नहीं मिला था।

इन अधिकारियों ने अपनी पदोन्नति के लिए सेना प्रमुख और रक्षा मंत्रालय से गुहार लगाई, लेकिन न्याय नहीं मिला। 2009 में सेना द्वारा अपनी गलती का एहसास होने पर कुछ अधिकारियों को “स्पेशल लिस्ट कमीशन” में परिवर्तित कर प्रमोशन दिया गया। इसके बाद मेजर रविन्द्र सिंह ने न्याय के लिए सशस्त्र बल न्यायाधिकरण कोलकाता में वाद दाखिल किया, जिसमें उनके पक्ष में फैसला आया।

इसके बाद कई अन्य अधिकारियों ने भी न्यायाधिकरणों में मामले दाखिल किए और उनके पक्ष में फैसले आए, लेकिन रक्षा मंत्रालय ने इन आदेशों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी। 10 वर्षों के संघर्ष के बाद, सर्वोच्च न्यायालय ने पाया कि इन अधिकारियों के साथ अन्याय हुआ है और रक्षा मंत्रालय की अपील को खारिज कर दिया।

अब इन अधिकारियों को 16 दिसंबर 2004 से लेफ्टिनेंट कर्नल पद पर पदोन्नति, पेंशन, एरियर सहित सभी लाभ 6 महीने के भीतर दिए जाएंगे। उम्र के इस पड़ाव पर, जब इन अधिकारियों की उम्र 70 से 75 वर्ष के बीच है, यह निर्णय उनके लिए एक बड़ी राहत है। सभी अधिकारियों ने रक्षा मंत्री, भारत सरकार और सर्वोच्च न्यायालय का आभार व्यक्त किया है।

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