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शिक्षकों के विदेश दौरे के लिए हिमाचल सरकार ने बनाए नियम, 100% रिजल्ट देने वाले शिक्षक जाएंगे विदेश

शिमला: हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के विदेश दौरे पर जाने के लिए नए नियम और दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अब शिक्षकों का चयन मैरिट के आधार पर किया जाएगा। चयन की प्रक्रिया में पिछले 5 वर्षों में बोर्ड परीक्षा में 100 प्रतिशत परिणाम देने वाले शिक्षक, प्रधानाचार्य, डीपीई (डायरेक्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन), और लैक्चरर को प्राथमिकता दी जाएगी।

नियम और योग्यताएं:

  • प्रधानाचार्य बनने के लिए शिक्षक को वर्तमान पद पर कम से कम 5 वर्षों की सेवा होनी चाहिए और उनकी सेवानिवृत्ति में भी 5 वर्ष बाकी होने चाहिए।
  • हैडमास्टर की पिछले 5 वर्षों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) में “वैरी गुड” रिमार्क होना अनिवार्य है, और उनके खिलाफ कोई विभागीय जांच नहीं चल रही होनी चाहिए।
  • लैक्चरर और डीपीई को बोर्ड परीक्षा में पिछले 5 वर्षों में 100 प्रतिशत परिणाम देना अनिवार्य किया गया है।

चयन प्रक्रिया:

  • प्रथम चरण में 50 शिक्षकों का चयन किया जाएगा। हर साल 25 प्रधानाचार्य, 15 लैक्चरर, 5 हैडमास्टर और 5 डीपीई को विदेश दौरे पर भेजा जाएगा।
  • जिला उपनिदेशक अब मैरिट के आधार पर शिक्षकों का चयन करेंगे और उनकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेजेंगे। चयनित शिक्षकों को प्रेजेंटेशन देने के बाद ही इंटरनेशनल टूअर के लिए भेजा जाएगा।

इस नई योजना से शिक्षकों को विदेश में शिक्षा के नए तरीकों और दृष्टिकोणों से अवगत होने का अवसर मिलेगा, जिससे वे अपने ज्ञान और अनुभव को छात्रों के विकास में और अधिक प्रभावी ढंग से इस्तेमाल कर सकेंगे।

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