रात के अंधेरे में सुरक्षा का सच जानने अकेली निकलीं एसीपी, 112 पर मांगी मदद
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में तैनात सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) सुकन्या शर्मा ने महिला सुरक्षा की स्थिति को जांचने के लिए शनिवार रात एक अनोखा कदम उठाया। बिना किसी सुरक्षा दल और सादे कपड़ों में, उन्होंने एक आम महिला की तरह सड़कों पर निकलकर पुलिस की तत्परता का जायजा लिया। सफेद शर्ट और काली जीन्स पहने सुकन्या ने रात 11:30 बजे आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल कर खुद को एक सुनसान जगह पर अकेली महिला बताया और पुलिस सहायता मांगी। मात्र 10 मिनट के भीतर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जब टीम ने देखा कि कॉल करने वाली कोई आम महिला नहीं बल्कि एसीपी सुकन्या शर्मा हैं, तो वे हैरान रह गए। इस अभ्यास का उद्देश्य महिला सुरक्षा से संबंधित पुलिस की तत्परता और जागरूकता को परखना था।
‘महिला सुरक्षा’ सुशासन की प्रथम परीक्षा होती है। यदि समाजवादी पार्टी के समय में महिला सुरक्षा के लिए शुरू किये गये ‘1090’ व ‘डायल 100’ को भाजपा सरकार में अच्छी तरह चलाया और बढ़ाया जाता तो आज महिला सुरक्षा को लेकर किसी ज़िम्मेदार अफ़सर को आशंका से भरा कॉल न करना पड़ता।
ऐसे… pic.twitter.com/GYtdLGcIP0
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 29, 2024
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया:
इस प्रयास की सराहना समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी की। उन्होंने इसे महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रभावी कदम बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी मॉक कॉल्स से पुलिस सतर्क और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अधिक जिम्मेदार बनेगी। अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि यदि 1090 और 100 जैसी सेवाएं ठीक से संचालित होतीं, तो इस तरह की कॉल की जरूरत नहीं पड़ती।
महिलाओं की सुरक्षा के नियम:
नियमों के अनुसार, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अगर कोई महिला असुरक्षित महसूस करती है या वाहन नहीं मिलता, तो वह पुलिस की मदद ले सकती है। एसीपी सुकन्या शर्मा ने इसी नियम की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए यह कदम उठाया, जो कि महिला सुरक्षा के लिए पुलिस की तत्परता को परखने वाला महत्वपूर्ण प्रयास है।